ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत हुई तो अपराध माना जायेगा, कोरोना संकट नेशनल इमरजेंसी, हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी

Oxygen Crisis नयी दिल्ली : दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) लगातार स्थिति का आकलन कर रहा है. कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान कहा कि अगर ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत हुई तो इसे अपराध माना जायेगा. उन्होंने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि दिल्ली को तुरंत ऑक्सीजन मुहैया करायी जाए. कोरोना संकट नेशनल इमरजेंसी है. अगर सरकार चाह ले तो स्वर्ग और धरती को एक किया जा सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2021 6:51 PM

Oxygen Crisis नयी दिल्ली : दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) लगातार स्थिति का आकलन कर रहा है. कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान कहा कि अगर ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत हुई तो इसे अपराध माना जायेगा. उन्होंने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि दिल्ली को तुरंत ऑक्सीजन मुहैया करायी जाए. कोरोना संकट नेशनल इमरजेंसी है. अगर सरकार चाह ले तो स्वर्ग और धरती को एक किया जा सकता है.

कोर्ट ने कहा कि केंद्र वह सुनिश्चित करे कि राष्ट्रीय राजधानी को आवंटन आदेश के अनुरूप निर्बाध रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति हो. केंद्र के ऑक्सीजन आवंटन आदेश का कड़ाई से पालन होना चाहिए. इसमें किसी भी प्रकार की रूकावट पैदा करने वालों पर आपराधिक कार्रवाई की जाए. न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि हरियाणा जैसे दूसरे राज्यों के संयंत्रों से दिल्ली को ऑक्सीजन आवंटन के केंद्र के फैसले का स्थानीय प्रशासन द्वारा सम्मान नहीं किया जा रहा है, इसे तुरंत ठीक करें.

कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि ऑक्सीजन ला रहे वाहनों को केंद्र पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराए और समर्पित कॉरिडोर स्थापित करे. दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि हरियाण के पानीपत से दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है. स्थानीय प्रशासन के द्वारा ऑक्सीजन आपूर्ति को रोका जा रहा है. यही हाल उत्तर प्रदेश का भी है. वहीं दिल्ली सरकार ने कोर्ट से मांग की कि ऑक्सीजन की आपूर्ति हवाई मार्ग से की जाए.

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इसपर कोर्ट ने कहा कि कानूनी अनुसंधानकर्ताओं द्वारा किये गये अनुसंधान के मुताबिक हवाई मार्ग से ऑक्सीजन की आपूर्ति खतरनाक है. इसकी आपूर्ति सड़क या रेल मार्ग से ही की जानी चाहिए. केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति या अधिकारियों द्वारा बाधा उत्पन्न की जा रही है तो इस तरह की किसी गतिविधि में शामिल पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी.

दिल्ली के कुछ बड़े अस्पतालों में कल रात ऑक्सीजन की आपूर्ति की गयी है लेकिन कुछ छोटे अस्पतालों में अभी भी ऑक्सीजन की कमी है. पूर्वी दिल्ली में 200 बेड वाले शांति मुकुंद अस्पताल के प्रशासन ने मुख्य द्वार पर एक नोटिस लगाया है जिसमें लिखा है कि हमें खेद है कि हम अस्पताल में मरीजों की भर्ती रोक रहे हैं क्योंकि ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो रही है.

Posted By: Amlesh Nandan.

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