Illegal Migrants: संथाल परगना में बदलते डेमोग्राफी पर शीर्ष अदालत ने केंद्र को जारी किया नोटिस

शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 3 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा. न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने केंद्र सरकार का जवाब आने तक राज्य सरकार को कमेटी का सदस्य नियुक्त नहीं करने की छूट दी.

By Vinay Tiwari | November 8, 2024 5:35 PM

Illegal Migrants: झारखंड के संथाल परगना में अवैध घुसपैठ प्रमुख चुनावी मुद्दा बन बन गया है. झारखंड हाईकोर्ट ने अवैध घुसपैठ का पता लगाने के लिए राज्य सरकार को फैट फाइंडिंग कमेटी गठित करने का आदेश दिया था. इस आदेश को झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 3 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा. न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने केंद्र सरकार का जवाब आने तक राज्य सरकार को कमेटी का सदस्य नियुक्त नहीं करने की छूट दी. 

झारखंड सरकार ने हाई कोर्ट के उस निर्देश को चुनौती दी है, जिसमें घुसपैठ की जांच के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार को संयुक्त फैट फाइंडिंग कमेटी गठित करने और अधिकारियों के नाम तय कर बताने का निर्देश दिया गया था. इसी साल सितंबर में हाई कोर्ट ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन करने का आदेश दिया था. गौरतलब है कि संथाल परगना के जिलों में अवैध घुसपैठ के कारण डेमोग्राफी बदलने की बात लंबे समय से कही जा रही है. यह मामला झारखंड में बड़ा चुनावी मुद्दा बन चुका है और आदिवासियों की संख्या कम होने को लेकर लगातार चिंता जाहिर की जा रही है. 


राज्य सरकार ने अवैध घुसपैठ ने किया इंकार

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि अवैध घुसपैठ को लेकर संथाल परगना के 6 जिलों गोड्डा, देवघर, पाकुड़, साहिबगंज, जामताड़ा और दुमका के जिलाधिकारियों की रिपोर्ट में साफ तौर पर इसे नकारा गया है. सिर्फ साहिबगंज में अवैध घुसपैठ के दाे मामले सामने आए है, जिससे राज्य सरकार अपने स्तर पर निपट रही है. हाईकोर्ट में जिलाधिकारियों की रिपोर्ट को दरकिनार कर राज्य और केंद्र की संयुक्त फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के गठन का आदेश दिया. जबकि जिलाधिकारियों की रिपोर्ट से साफ जाहिर होता है कि संथाल परगना में अवैध घुसपैठ और डेमोग्राफी बदलने का मामला मनगढ़ंत है.

गौरतलब है कि झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर संथाल परगना में अवैध घुसपैठ पर रोक लगाने की मांग की गयी थी. जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इस मामले का पता लगाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों की संयुक्त फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने का आदेश दिया था. लेकिन इस फैसले का राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान जनहित याचिका दाखिल करने वाले ने कहा कि पहले राज्य सरकार ने कमेटी बनाने पर सहमति जताई, लेकिन बाद में पीछे हट गयी. ऐसे में राज्य सरकार की याचिका पर भरोसा नहीं किया जा सकता है.  

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