मध्यप्रदेश में 3000 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है अब इन डॉक्टरों के साथ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन खड़ा है. IMA ने कहा, डॉक्टरों की मांग पर राज्य सरकार को ध्यान देना चाहिए. कोरोना संक्रमण के दौरान इतने डॉक्टरों का एक साथ इस्तीफा देना राज्य के लिए परेशानियां खड़ी कर सकती है.
जूनियर डॉक्टरों को को मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर ने हड़ताल करने से रोकने की कोशिश की थी उन्होंने चेताया था कि मेडिकल कॉलेज की सीट छोड़ने पर बांड के रुप में उन्हें 10 से 30 लाख रुपए देने होंगे.
दूसरी तरफ मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने डॉक्टरों से अपील की है कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में जल्द से जल्द काम पर लौट जायें उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया माननीय हाईकोर्ट के निर्देशानुसार जूनियर डॉक्टरों को को हड़ताल समाप्त कर देनी चाहिए. हाईकोर्ट द्वारा गठित समिति से उन्हें बात करके हल निकालना चाहिए सब की प्राथमिकता मरीज हैं.
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मध्य प्रदेश की हाईकोर्ट ने भी इस हड़ताल को गलत बताया है. उन्हें 24 घंटे के भीतर हड़ताल खत्म करने और काम पर लौटने का आदेश दिया गया था. अगर ऐसा नहीं होता तो सरकार को सख्त कार्रवाई कर सकती है. मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और जस्टिस सुजय पाल की युगलपीठ ने इस मामले पर सुनवाई की. दूसरी तरफ जूनियर डॉक्टर पीछे हटने को तैयार नहीं है उनका कहना है कि जबतक हमारी मांग मान नहीं ली जाती हम पीछे नहीं हटेंगे.