भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. आज पहली बैठक हुई. आने वाले समय में कैसे आपसी संबंध और बेहतर किये जायें इस पर चर्चा हुई. विदेश मंत्रालय सचिव (पश्चिम) रीनत संधू ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक में भविष्य की रणनीति पर चर्चा की है. इस बैठक में सबसे अहम फैसला लिया गया है कि अगले दो सालों में फिर बैठक होगी. यह बैठक हर बार इसी अंतराल में होगी. अगला शिखर सम्मेलन 2024 में होगा.
इस सम्मेलन में आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने की भी रणनीति तैयार की गयी है. आतंकवाद के खिलाफ युद्धाभ्यास का फैसला लिया है. भारत 100 युवाओं के दल का नेतृत्व करेगा जो इसमें शामिल होंगे. भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की बैठक में, नेता ने अफगानिस्तान पर घनिष्ठ परामर्श जारी रखने पर सहमति व्यक्त की और वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर अफगानिस्तान पर एक संयुक्त कार्य समूह स्थापित करने का निर्णय लिया.
इस बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, भारत और मध्य-एशियाई देशों के राजनयिक संबंधों ने 30 सार्थक वर्ष पूरे कर लिए हैं. पिछले तीन दशकों में हमारे सहयोग ने कई सफलताएं हासिल की हैं. उन्होंने कहा अब इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर, हमें आने वाले सालों के लिए भी एक महत्वकांक्षी विजन परिभाषित करना चाहिए.
क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए हम सभी की चिंताएं और उद्देश्य एक समान हैं. अफगानिस्तान के घटनाक्रम से हम सभी चिंतित हैं.भारत का इरादा मध्य-एशिया में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर रोक लगाना है. हाल ही में चीन ने इस क्षेत्र में सहायता के तौर पर 500 मिलियन डॉलर की सहायता राशि को भेजा है