असम और अरुणाचल प्रदेश सीमा विवाद पर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने नमसाई में शुक्रवार को अहम बैठक की. इस दौरान असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्व सरमा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सरकारों को अपने सीमा विवाद को हल करने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा, आज जब हमने संवैधानिक सीमा पर चर्चा की तो हमने पाया कि 123 विवादित गांवों में से 28 गांव में अरुणाचल में हैं और 6 गांव ऐसे हैं जिनके नाम असम राजस्व रिकॉर्ड में नहीं हैं. ये 34 गांव पहले से ही अरुणाचल प्रदेश का हिस्सा हैं.
PM Modi & HM Shah have suggested to both Assam & Arunachal Pradesh Govts to resolve their border dispute during the period of Amrit Mahotsav. In view of that desire, Govts of Arunachal & Assam have sat 3 times so far for meetings: Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma pic.twitter.com/kl8wvp0nun
— ANI (@ANI) July 15, 2022
सरमा ने आगे कहा कि 2010 में अरुणाचल ने 3 गांवों पर अपना दावा वापस ले लिया था. आज हम विवाद को केवल 86 गांवों तक ही सीमित कर सकते हैं. दोनों मुख्यमंत्रियों द्वारा आज नामसाई घोषणा पत्र जारी किया गया है कि अब हम 86 गांवों के विवाद को सुलझाने के लिए ईमानदारी से काम करेंगे.
इस दौरान अरुणाचल के सीएम पेमा खांडू ने कहा कि असम-अरुणाचल सीमा विवाद ने 123 गांवों को घेर लिया और मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. नामसाई घोषणा के तहत हमने 37 गांवों के आसपास के मामले को सुलझाया. हमने शेष 86 गांवों के लिए समयसीमा निर्धारित की है. इस साल के अंत तक इसे सुलझाने की कोशिश करेंगे. समाचार एजेंसी एएनआई को उन्होंने बताया कि 15 सितंबर तक दोनों सरकारों को एक अंतरिम रिपोर्ट सौंपी जाएगी और हम इसे आगे की स्वीकृति के लिए भारत सरकार को भेजेंगे. इसलिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण दोनों राज्यों के बीच 70 साल से चल रहा यह विवाद अब सुलझने वाला है.
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पिछले साल सीमा विवाद पर गृह मंत्री अमित शाह ने इस विवाद को साल के अंत तक सुलझाने की अम्मीद जताई थी. बताते चले कि असम और अरुणाचल प्रदेश 804 किमी लंबी सीमा को साझा करता है. वहीं दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद 1989 से लंबित है.