नयी दिल्ली : पाकिस्तान के 30 प्रतिशत पायलट के पास फर्जी डिग्री है और वे विमान उड़ाने के काबिल नहीं हैं, यह बात पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन मंत्री गुलाम सरवर खान ने नेशनल एसेंबली में स्वीकारी है. उन्होंने एसेंबली में कहा कि देश के 262 पायलट ने परीक्षा नहीं दी है और अपनी जगह पर दूसरे को पैसे देकर परीक्षा पास की है. उनके पास उड़ान भरने का कोई अनुभव नहीं है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में 860 एक्टिव पायलट हैं, जिनमें पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के पायलट भी शामिल है. साथ ही इसमें फॉरेन कैरियर के पायलट भी शामिल हैं.
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस ने अपने उन तमाम पायलट को वापस बुला लिया है, जिनके पास फर्जी लाइसेंस हैं. एयरलाइंस ने बताया कि फर्जी पायलट की समस्या सिर्फ हमारे साथ ही नहीं है बल्कि यह परेशानी पूरे पाकिस्तानी एयरलाइन इंडस्ट्री के साथ है. इतना ही नहीं पाकिस्तान के फर्जी पायलट विदेशी एयरलाइंस को भी सेवा दे रहे हैं.
पाकिस्तान में पायलटों के फर्जी लाइसेंस का खुलासा तब हुआ जब मई माह में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और इस दुर्घटना में 97 लोगों की मौत हुई थी. जब जांच हुई तो यह पाया गया था कि यह दुर्घटना पायलट की गलती से हुई थी. पायलट को जब हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) ने विमान की ऊंचाई कम करने को लेकर पहली चेतावनी जारी की , तो उसने इसे अनदेखा कर दिया, इतना ही नहीं उसे तीन बार चेतावनी दी गयी लेकिन उसने ऊंचाई कम नहीं की, जिसके बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
दुर्घटना की जांच के बाद इस बात का खुलासा हुआ कि पायलट के पास फर्जी लाइसेंस था. जिसके बाद यह बात भी सामने आयी कि पाकिस्तान में पायलट फर्जी डिग्री ले रहे हैं और यह कारोबार वहां खूब फलफूल रहा है. पायलट की परीक्षा में या तो वे चोरी करते हैं या फिर पैसे के बल पर परीक्षा में किसी और को बैठाते हैं और डिग्री लेते हैं. पाकिस्तान ने जिन 262 पायलट को वापस बुलाया है, उनके डिग्री की पूरी जांच हो रही है. इन पायलट में 141 पीआईए के हैं. नौ एयर ब्लू के, 10 सीरिन एयरलाइंस और 17 शाहीन एयरलाइंस से संबंद्ध है.
इस खबर के सामने आने के बाद विश्व में चिंता बढ़ गयी है. सभी यह सवाल उठा रहे हैं कि आखिर पाकिस्तानी पायलटों को इस तरह कैसे फर्जी डिग्री दी जा रही है और वे विदेशी एयरलाइंस के लिए भी काम कर रहे हैं.
पाकिस्तान के मंत्री ने कहा है कि वे इस लाइसेंस स्कैंडल के सामने आाने के बाद पूरी जांच करवा रहे हैं. 2018 से सिविल एविशन जो परीक्षा ले रहा है, उसपर यह आरोप है कि इसमें पैसे लेकर परीक्षार्थी के बजाय कोई और परीक्षा देता है. बताया जा रहा है कि फर्जी लाइसेंस लेने वाले पायलट के पास कोई अनुभव नहीं है और उनकी एविशन विभाग से मिलीभगत है. इस स्कैंडल के सामने आने के बाद पूरे विश्व में पाकिस्तान की किरकिरी हो रही है, वहीं विदेशी एयरलाइंस अब पाकिस्तानी पायलट पर भरोसा नहीं कर रहे हैं और उन्हें संदेह की नजर से देख रहे हैं.
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खबर है कि वियतनाम एविशन आथरिटी ने सभी पाकिस्तानी पायलट को बैठा दिया है और वे उनसे काम नहीं ले रहे हैं. वे पाकिस्तानी पायलट के प्रोफाइल को रिव्यू करना चाहते हैं. वही इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का कहना है कि उन्होंने पाकिस्तान को इस बारे में सूचित कर दिया है कि यह एक गंभीर मसला है और इसपर गंभीरता से कार्रवाई करने की जरूरत है.
Posted By : Rajneesh Anand