जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में कुत्तों के काटने की घटनाओं के बाद श्रीनगर नगर निगम (एसएमसी) ने कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए उनकी नसबंदी करने का फैसला किया है और इसके लिए राजस्थान की एजेंसी का चुनाव किया है. शहर में आवारा कुत्तों की निश्चित संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन वर्ष 2011 में कुत्तों की गई गणना के मुताबिक 12 लाख की आबादी के शहर में 90 हजार आवारा कुत्ते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इन 12 सालों में कुत्तों की संख्या दोगुनी हो चुकी है.
कुत्तों की नसबंदी ही उनकी आबादी रोकने का तरीका
शहर में कुत्तों के हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं. नगर निकाय के अधिकारियों ने बताया कि कुत्तों की नसबंदी ही उनकी आबादी रोकने का तरीका है क्योंकि जहर देने के पारंपरिक तरीके पर रोक लग चुकी है. श्रीनगर नगर निगम के पशु जन्म नियंत्रण प्रभारी डॉ.तौहीद नजर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘इतनी बड़ी संख्या में कुत्तों की आबादी की नसबंदी करनी है और पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम को तीसरे पक्ष को दे दिया गया है. हमने राजस्थान की एजेंसी की सेवा ली है जो कुत्तों के नसबंदी कार्यक्रम को पूरा करेगी.’’
कुत्तों की वास्तविक संख्या का पता लगाने के लिए गणना जारी
उन्होंने बताया कि कुत्तों की वास्तविक संख्या का पता लगाने के लिए गणना जारी है, पिछली बार 2011 में कुत्तों की गणना की गई थी. अधिकारियों के मुताबिक शहर में पिछले 10 महीने के दौरान कुत्तों के काटने की 6200 से अधिक घटनाएं सामने आई हैं.