मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े 30 ठिकानों छापामारी के बाद आयकर विभाग ने बड़ा खुलासा किया है. विभाग ने कहा है कि अनिल देशमुख ने टैक्स चोरी करने के इरादे से अपनी 17 करोड़ रुपये की कमाई को छुपाया. आयकर विभाग ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी. विभाग ने बयान में अनिल देशमुख का नाम लिये बगैर कहा है कि नागपुर, मुंबई, कोलकाता और नयी दिल्ली में देशमुख से संबंधित 30 जगहों पर छापामारी के बाद यह पता चला है.
आयकर विभाग का आरोप है कि एक ट्रस्ट के जरिये तीन शिक्षण संस्थान चलाये जा रहे हैं, जिनके जरिये कम से कम 12 करोड़ रुपये की कमाई छिपायी गयी. विभाग के बयान में कहा गया है कि शिक्षण संस्थानों की ओर से कर्मचारियों को दिये गये वेतन का एक हिस्सा फिर से बैंक में जमा किया गया. इतना ही नहीं, शिक्षण संस्थानों में एडमिशन के लिए करीब 87 लाख रुपये दलालों को दिया गया. पूरी रकम नकद में दी गयी और उसका कोई खाता-बही नहीं है.
कई जांच एजेंसियों की जांच का सामना कर रहे देशमुख से जुड़े शिक्षण संस्थानों से आयकर विभाग के अधिकारियों ने कई दस्तावेज, लूट शीट और अन्य डिजिटल दस्तावेज जब्त किये हैं. आयकर विभाग ने कहा है कि देशमुख का परिवार मनी लाउंडरिंग में लिप्त है. मनी लाउंडरिंग से जुड़े एक मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) कर रहा है.
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आयकर विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि छापामारी के दौरान उन्हें जो दस्तावेज मिले हैं, उससे साबित होता है कि देशमुख के ट्रस्ट को दिल्ली की एक कंपनी के जरिये कम से कम 4 करोड़ रुपये का फर्जी डोनेशन मिला है. जांच में यह भी संकेत मिला है कि टैक्स चोरी के इरादे से करीब 17 करोड़ रुपये की कमाई की जानकारी नहीं दी गयी. जांच के दौरान कई बैंक लॉकर मिले, जिनके संचालन पर अभी रोक लगा दी गयी है.
सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसी का सामना कर रहे महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख भ्रष्टाचार के आरोपों में भी घिरे हैं. अगस्त में ईडी ने उनके खिलाफ पहली रिपोर्ट दर्ज की थी. इस मामले में अनिल देशमुख के पीए और पीए जेल जा चुके हैं. देशमुख पर ईडी का आरोप है कि उन्होंने मुंबई के ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों को फायदा पहुंचाने के एवज में करीब 4.7 करोड़ रुपये नकद उनसे लिये. मुंबई के एएसआई सचिन वाजे के आरोपों के आधार पर ईडी ने यह केस दर्ज किया था.
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ईडी ने कहा है कि बार के मालिकों से मिले 4.7 करोड़ रुपये में से करीब 4.18 करोड़ रुपये नकद दिल्ली की रिलायबल फाइनेंस कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड, वीए रियलकॉन प्राइवेट लिमिटेड, उत्सव सिक्यूरिटीज प्राइवेट लिमिटेड और सीतल लीजिंग एंड फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड में जमा किये गये. ईडी ने कहा है कि ये शेल कंपनियां हैं. बाद में इन कंपनियों ने अनिल देशमुख और उनके परिवार के सदस्यों की ओर से संचालित श्री साई शिक्षण संस्थान ट्रस्ट को डोनेशन के रूप में ये पैसे लौटा दिये.
Posted By: Mithilesh Jha