अब लोगों को अंधा बना रहा दुनिया का बढ़ता तापमान, शोध में किया गया ये दावा
जर्नल ऑप्थैल्मिक एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित इस शोध के मुताबिक, अध्ययन के दौरान 65 साल के लोगों का 2012 से 2017 के बीच का डाटा शामिल किया गया. जानें क्या किया गया है दावा
जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में उतार-चढ़ाव से दुनियाभर में रोगों में वृद्धि हुई है, लेकिन कनाडा के वैज्ञानिकों ने हालिया शोध में चौंकानेवाला दावा किया है. इसके मुताबिक, दुनिया का बढ़ता तापमान इंसान को अंधा बना रहा है. अमेरिका के 50 राज्यों में 17 लाख लोगों पर हुए इस शोध से पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन किस हद तक इंसान की आंखों की रोशनी पर नकारात्मक असर छोड़ रहा है.
शोध के मुताबिक, अधिक तापमान में रहनेवाले लोगों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ता है. ठंडी जगहों के मुकाबले गर्म हिस्से में रहनेवाले 50 फीसदी लोग आंखों की समस्या से जूझते हैं. इसकी मुख्य वजह है- सूर्य से धरती तक आनेवाले अल्ट्रवायलेट लाइट यानी पराबैंगनी किरणें. यह आंखों के कॉर्निया, लेंस और रेटिना को डैमेज करती हैं. इसके साथ ही यह आंखों में खुजली व संक्रमण की वजह बनती हैं. शोधकर्ताओं का मानना है कि जिस तरह के दुनियाभर में जलवायु में परिवर्तन हो रहा है और उसके कारण तापमान में उतार-चढ़ाव हो रहा है.
इससे भविष्य में कई और खतरे पैदा होंगे. पहले ही दुनिया का औसत तापमान 1.1 सेल्सियस तक पहुंच चुका है. जर्नल ऑप्थैल्मिक एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित इस शोध के मुताबिक, अध्ययन के दौरान 65 साल के लोगों का 2012 से 2017 के बीच का डाटा शामिल किया गया.
आंखों पर ऐसे पड़ता है तापमान का असर
शोधकर्ताओं ने कहा कि सूरज की तेज रोशनी से पराबैंगनी किरणें के संपर्क में आने से लेंस व आंख के अन्य हिस्सों को अधिक नुकसान पहुंचता है. इससे मोतियाबिंद का खतरा बढ़ता है. उच्च तापमान से आंखों में संक्रमण फैलने की भी आशंका रहती है, जैसे कि फंगल केराटाइटिस. गर्म मौसम के कारण हवा में प्रदूषक तत्व भी बढ़ते हैं, जो आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं.
बुजुर्गों के साथ युवा भी चपेटे में
एक शोधकर्ता थॉमसन का कहना है कि वैश्विक तापमान में अभी और बढ़ोतरी संभव है. ऐसे में आशंका है कि बुजुर्गों के साथ युवाओं की आंखों की समस्या और न बढ़ जाए. उनका कहना है कि आंखों की घटती रोशनी और औसत तापमान के बीच जो कनेक्शन मिला है, वह चौंकानेवाला है.
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मोतियाबिंद-ग्लूकोमा ज्यादा
शोधकर्ताओं का कहना है कि अधिक तापमान के कारण आंखों की कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. जैसे कि मोतियाबिंद. इसमें आंखों के लेंस से धुंधला दिखता है. यह बीमारी इंसान को अंधा भी कर सकती है. वहीं, ग्लूकोमा का खतरा भी बढ़ जाता है, जिसमें आंखों की ऑप्टिक नर्व डैमेज हो जाती है.