बाटला हाउस एनकाउंटर में शहीद दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को मरणोपरांत सातवीं बार वीरता पदक से सम्मानित किया गया है. मोहन चंद शर्मा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में काम करते थे. यह नहीं बताया गया है कि उन्हें वीरता पदक किस काम के लिए दिया गया है. बताते चलें शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने वीरता पदक का ऐलान किया था. देश के 215 पुलिसकर्मियों (मरणोपरान्त भी) को वीरता पदक से सम्मानित किया गया है. 80 पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक और 631 लोगों को सराहनीय सेवाओं के लिए चुना गया है.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 13 सितंबर 2008 को दिल्ली में हुए सीरियल ब्लास्ट की जांच पुलिस ने शुरू की. इसी दौरान इनपुट मिला था कि बम ब्लास्ट को आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ने अंजाम दिया था. 19 सितंबर को स्पेशल सेल को खबर मिली कि इंडियन मुजाहिद्दीन के पांच आतंकी बाटला हाउस के एक मकान में हैं. इसके बाद आतंकियों की तलाश में स्पेशल सेल की टीम वहां पहुंची. इसी दौरान शूटआउट में इंस्पेक्टर शर्मा को गोली लगी थी. होली फैमिली अस्पताल में इलाज के दौरान इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा का निधन हो गया था.
इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा ने साल 1989 में दिल्ली पुलिस को ज्वाइन किया था. 1995 में उन्हें प्रमोशन (आउट ऑफ टर्न) देकर इंस्पेक्टर बनाया गया था. 2009 में इंस्पेक्टर शर्मा को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया. इस साल स्वर्गीय. इंस्पेक्टर शर्मा को सातवां गैलेंटरी अवॉर्ड मिला है. उन्हें सात बार राष्ट्रपति पदक दिया गया था. इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा ने अपनी 21 साल की नौकरी में 60 आतंकियों को मार गिराया था. इसके अलावा 200 से ज्यादा खतरनाक आतंकियों और अपराधियों को गिरफ्तार भी करने में सफलता पाई थी.