Independence Day 2020, Subhash chandra bose, azad hind fauj : इस साल देश कोरोना काल के बीच 74वां स्वतंत्रता दिवस समारोह मना रहा है. इस आजादी के जंग में सैकडों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. हर राज्य के लोग देश को आजादी दिलाने के लिए आगे आये थे. इसी बीच हरियाणा से एक खबर आ रही है जिसके अनुसार सूबे के सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार यह तक नहीं जानते कि उनके पूर्वजों ने भी कभी आजादी की जंग में हिस्सा लिया था और अपनी जान गंवा दी थी.
जानकारी के अनुसार हरियाणा के ऐसे 450 शूरवीरों के नाम सामने आए हैं जिनका संबंध आजाद हिंद फौज से रहा था. इन सभी का रिकार्ड राज्य सरकार के अधीनस्थ हरियाणा स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समिति को भेजा जा चुका है ताकि इन्हें उनके परिजनों तक पहुंचाने का काम किया जा सके.
खबरों की मानें तो हरियाणा में रहने वाले इन शूरवीरों के परिवार को केवल इतना पता है कि उनके पूर्वज कभी ब्रिटिश फौज का हिस्सा हुआ थे. ब्रिटिश फौज ने उन्हें विभिन्न मोर्चों पर भेजा जिसके बाद वे कभी लौटकर घर नहीं आ सके. हरियाणा में रहने वाले ये परिवार आज तक नहीं जान पाये थे कि उनके पूर्वजों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आह्वान पर अंग्रेजों से बगावत कर दिया था और ब्रिटिश आर्मी का दामन छोडकर अपने देश को आजाद करवाने में जुट गये थे. इन आजादी के दीवानों ने आजाद हिंद फौज का सिपाही बनना उचित समझा.
हर एक सिपाही का रिकार्ड ऐसे आया सामने : सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के अफसरों ने इन बहादुर सिपाहियों का रिकार्ड रखा था. वे अपनी विभिन्न रेजीमेंटों को उनके इलाकों के हिसाब से नाम देते थे. रेजीमेंट के एक-एक सिपाही का रिकार्ड उनके पास मौजूद था. सिपाहियों का यह रिकार्ड सुभाष चंद्र बोस के गोपनीय दस्तावेजों में शामिल था. आजादी के बाद कई दशकों तक ये दस्तावेज सरकार के पास गोपनीय रूप से मौजूद था.
बोस के तमाम दस्तावेज सार्वजनिक : वर्तमान समय में बोस के तमाम दस्तावेज सार्वजनिक कर दिये गये हैं, इसलिए राष्ट्रीय अभिलेखागार विभाग के पास सभी सिपाहियों का रिकार्ड भी सार्वजनिक हो चुका है. इसी रिकार्ड को पिछले सात साल से एक शख्स तलाश रहा था जिसका नाम श्रीभगवान फौगाट है. वह चरखीदादरी के गांव दाणी फौगाट के मूल निवासी हैं. श्रीभगवान के पिता श्रीराम सिंह फौगाट भी आजाद हिंद फौज से जुडे हुए थे.
450 गुमनाम सिपाहियों का रिकार्ड ढूंढा गया : श्रीभगवान की मानें तो अभी तक वह 450 गुमनाम सिपाहियों का रिकार्ड ढूंढा गया है. इसे जिला उपायुक्त रेवाड़ी के माध्यम से हरियाणा स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समिति को भेजने का काम किया जा चुका है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग की गयी है कि वे इन गुमनाम सिपाहियों का नाम संबंधित जिला उपायुक्तों के जरिए उनके परिजनों तक पहुंचाएं. यही नहीं इन स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को पेंशन की सुविधा भी उपलब्ध कराएं.
Posted By : Amitabh Kumar