Independence Day 2021: भारत में 4G के नाम पर ‘सर्विस’ नहीं, कमजोर नेटवर्क से आजादी कब?
इस साल नोकिया ने मोबाइल ब्रॉडबैंड इंडिया ट्रैफिक इंडेक्स 2021 रिपोर्ट पेश की. उस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पिछले पांच सालों में डाटा खपत करीब 60 गुना से अधिक बढ़ा है. यह दुनियाभर में सबसे अधिक डाटा ट्रैफिक में से एक है.
हम आजादी का जश्न मना रहे हैं. इस जश्न के जरिए हम याद करेंगे भारत की बढ़ती ताकत का. भारत ने टेलीकॉम सेक्टर में क्रांतिकारी परिवर्तन तो किया. लेकिन, नेटवर्क के मामले में हमारा दुख है कि कम नहीं होता. भारत में टेलीकॉम क्रांति ने हर हाथ में स्मार्टफोन पहुंचा दिया है. फोन स्मार्ट हो गए हैं. लेकिन, फोर जी नेटवर्क के नाम पर अधिकांश सब्सक्राइबर्स टू या थ्री जी स्पीड मिलने की शिकायत करते हैं. आप पटना में रहें या रांची में या फिर देश की राजधानी दिल्ली में. नेटवर्क समस्या जस की तस है. सवाल है खराब नेटवर्क से आजादी कब मिलेगी?
इस साल नोकिया ने मोबाइल ब्रॉडबैंड इंडिया ट्रैफिक इंडेक्स 2021 रिपोर्ट पेश की. उस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पिछले पांच सालों में डाटा खपत करीब 60 गुना से अधिक बढ़ा है. यह दुनियाभर में सबसे अधिक डाटा ट्रैफिक में से एक है. फोर जी डाटा की खपत से 2021 में डाटा ट्रैफिक 36 फीसदी से अधिक बढ़ा है. भारत में फोरजी यूजर्स की संख्या 70 करोड़ से ज्यादा है.
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भारत के लिए खुश होने की बात
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पिछले पांच सालों में डाटा ट्रैफिक करीब 60 गुना से अधिक बढ़ा है.
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2021 में फोर जी डाटा ट्रैफिक 36 फीसदी से अधिक बढ़ा है.
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फोर जी मोबाइल यूजर्स की संख्या 70 करोड़ के पार हो गई है.
भारत में डाटा ट्रैफिक में अकेले फोर जी का योगदान करीब 99 फीसदी है. यह महानगरों की बजाए ए, बी और सी वर्गों में ज्यादा है. भारत में पहले से 20 लाख एक्टिव फाइव जी डिवाइस हैं. लॉकडाउन ने भी टेलीकॉम सेक्टर को काफी आगे बढ़ाया है. कोरोना वायरस संकट में ओटीटी जैसे प्लेटफॉर्म ने नई ऊंचाईयां छुई हैं. भारत में सबसे ज्यादा डाटा खपत ओटीटी का रहा है.
नोकिया की रिपोर्ट के मुताबिक फोरजी डिवाइस की संख्या करीब 60 करोड़ यूनिट से ज्यादा है. देश में 77 फीसदी एरिया में फोर जी हैं. हर महीने डाटा की खपत दिसंबर 2020 में करीब 20 फीसदी के इजाफे के साथ 13.5 जीबी पहुंचा. इसका मुख्य कारण ऑनलाइन वीडियो देखना है. अभी भारत में लोगों के मनोरंजन को मुख्य स्रोत स्मार्टफोन हैं. गांवों में भी डाटा खपत बढ़ी है.
भारत में फोर जी डिवाइस और डाटा खपत
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फोरजी डिवाइस की संख्या करीब 60 करोड़ यूनिट से ज्यादा है.
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देश में करीब 77 फीसदी इलाके तक फोर जी डिवाइस की पहुंच है.
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आज के दौर में भारतीयों के मनोरंजन को मुख्य स्रोत स्मार्टफोन है.
ये तो बात हुई डाटा खपत की. अब बताते हैं मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट स्पीड की स्थिति. ओकला (Ookla) की जनवरी 2021 में जारी रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल स्पीड में भारत दुनिया में 131वें नंबर पर है. फोर जी सुविधा देने के नाम पर कंपनियां यूजर्स को तंग कर रही है.
ओकला की स्पीडटेस्ट ग्लोबल इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल इंटरनेट स्पीड के लिहाज से भारत में एवरेज डाउनलोड स्पीड 12.41 MBPS है और अपलोड स्पीड 4.76 MBPS है. ग्लोबली एवरेज 46.74 MBPS डाउनलोड और 12.49 MBPS अपलोड स्पीड है. अब हम आपको सार्क देशों (SAARC) के मोबाइड इंटरनेट स्पीड से जुड़ी इंटरेस्टिंग फैक्ट्स बताते हैं.
आपके लिए चिंता की सबसे बड़ी वजह
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भारत के मुकाबले मालदीव में तीन गुना ज्यादा इंटरनेट स्पीड है.
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मोबाइल इंटरनेट स्पीड मामले में पाकिस्तान दूसरे नंबर पर है.
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मोबाइल इंटरनेट स्पीड के लिहाज से नेपाल तीसरे नंबर है.
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भारत से ज्यादा मोबाइल इंटरनेट स्पीड श्रीलंका और भूटान में है.
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भारत से पीछे बांग्लादेश और सबसे नीचे अफगानिस्तान है.
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हमने फोर जी की पहुंच, डाटा खपत और इंटरनेट स्पीड की जानकारी दी. सार्क देशों में शामिल भारत के अलावा दूसरे देशों से अपनी तुलना भी की. इस स्वतंत्रता दिवस पर कमजोर नेटवर्क से आजादी पाने की कोशिश करें. डिजिटल वर्ल्ड में टिके रहने के लिए कमजोर नेटवर्क से आजादी जरूरी है. चलते-चलते बता दें. हर भारतीय प्रतिदिन करीब 5 घंटे मोबाइल पर ही बिता रहा है.