AK-103 Rifles से लैस होंगे वायुसेना के गरुड़ कमांडो, इंसास राइफल से इन मामलों में है बेहतर

भारत और रूस के बीच एके 103 असाल्ट राइफल को लेकर 300 करोड़ रुपये में डील हुई थी. इस करार के तहत भारत को रूस से 72 हजार एके 103 असॉल्ट राइफल (AK-103 Assault Rifle) मिला है. वायु सेना को एके 103 असॉल्ट राइफल मिल जाने से उसकी ताकत और बढ़ी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2022 2:29 PM

भारत की सुरक्षा अब और चाक चौबंद हो जाएगी. रूस ने भारत को एक करार के तहत 72 हजार एके 103 असॉल्ट राइफल (AK-103 Assault Rifle) दिए हैं. इन राइफल्स का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना के गरुड़ कमांडो करेंगे. बता दें, भारत और रूस के बीच एके 103 असाल्ट राय (AK-103 Assault Rifle) को लेकर 300 करोड़ रुपये में डील हुई थी. इस करार के तहत भारत को रूस से 72 हजार एके 103 असॉल्ट राइफल (AK-103 Assault Rifle) मिला है. वायु सेना को एके 103 असॉल्ट राइफल मिल जाने से उसकी ताकत और बढ़ी है.

एके 103 असॉल्ट राइफल: एके 103 असॉल्ट राइफल (AK-103 Assault Rifle) इस सीरीज की सबसे उम्दा राइफल में शुमार की जाती है. भारत में अब तक सिर्फ मरीन कमांडो ही एके 103 असॉल्ट राइफल (AK-103 Assault Rifle) का इस्तेमाल करते हैं. जम्मू में भारतीय वायुसेना के ठिकानों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत की वायुसेना ने रूस के साथ इस राइफल्स को लेकर डील किया था. वायुसेना ने 3 सौ करोड रुपये में यह डील हुई है.

एके 103 असॉल्ट राइफल की खासियत: एके 103 असॉल्ट रायफल्स (AK-103 Assault Rifle) वजने में बेहद हल्का होता है. इसका वेट सिर्फ 3.6 किलोग्राम का होती है. इसमें 7.62 मिलीमीटर कैलिबर के 30 राउंड की मैगजीन लगाई जा सकती है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि, यह 600 राउंड प्रति मिनट की दर से फायरिंग कर सकते हैं. इसके अलावा यह 500 मीटर तक अचूक निशाना लगा सकती है. इसमें नाइट विजन भी लगा होता है. यानी रात में भी यह दुश्मनों को ढेर कर सकती है.

भारत की इंसास राइफल्स की जगह लेंगी एके-103 राइफल: भारतीय वायुसेना अभी इंसास राइफल का इस्तेमाल करती है. इसे 1990 में सेना में शामिल किया गया था. लेकिन कारगिल की लड़ाई में अत्यधिक ठंड में इसकी नली के चटकने की शिकायत आईं थी. इसके अलावा इंसास राइफल में जाम होने की भी शिकायत थी. सबसे बड़ी बात थी कि इंसास राइफल की छोटी कैलिबर की बुलेट लक्ष्य को खत्म करने के बजाए उसे चोटिल करती थी.

Posted by: Pritish Sahay

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