‘इंडिया’ गठबंधन ने 14 न्यूज एंकर के कार्यक्रमों के बहिष्कार का किया फैसला, बीजेपी ने की आपातकाल से तुलना

विपक्षी गठबंधन की मीडिया समिति ने बताया, 13 सितंबर 2023 को अपनी बैठक में ‘इंडिया’ समन्वय समिति द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, विपक्षी गठबंधन के दल 14 एंकर के शो और कार्यक्रमों में अपने प्रतिनिधि नहीं भेजेंगे.

By ArbindKumar Mishra | September 14, 2023 10:39 PM
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विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों ने गुरुवार को फैसला किया कि वे देश के 14 टीवी एंकर के कार्यक्रमों में अपने प्रतिनिधि नहीं भेजेंगे. ‘इंडिया’ की मीडिया से संबंधित समिति की बैठक में यह फैसला किया गया. इधर ‘इंडिया’ के इस फैसले पर बीजेपी ने निशाना साधा.

‘इंडिया’ ने 14 एंकरों की सूची जारी की

विपक्षी गठबंधन इंडिया की मीडिया समिति ने बताया, 13 सितंबर 2023 को अपनी बैठक में ‘इंडिया’ समन्वय समिति द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, विपक्षी गठबंधन के दल 14 एंकर के शो और कार्यक्रमों में अपने प्रतिनिधि नहीं भेजेंगे. विपक्षी दलों ने 14 एंकर की एक सूची भी जारी की है.

हम नफरत के बाजार के ग्राहक नहीं बनेंगे : खेड़ा

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख और विपक्षी गठबंधन की मीडिया समिति के सदस्य पवन खेड़ा ने कहा, रोज शाम पांच बजे से कुछ चैनलों पर नफरत की दुकानें सजाई जाती हैं. हम नफरत के बाजार के ग्राहक नहीं बनेंगे. हमारा उद्देश्य है ‘नफरत मुक्त भारत’. उन्होंने यह भी कहा, बड़े भारी मन से यह निर्णय लिया गया कि कुछ एंकर के शो व कार्यक्रमों में हम भागीदार नहीं बनें. हमारे नेताओं के ख़िलाफ अनर्गल टिप्पणियां, फेक न्यूज आदि से हम लड़ते आए हैं और लड़ते रहेंगे, लेकिन समाज में नफरत नहीं फैलने देंगे. मिटेगी नफ़रत, जीतेगी मुहब्बत. कांग्रेस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट एक्स में खेड़ा का 2 मिनट 50 सेकंड का एक वीडियो जारी किया.

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बीजेपी ने इंडिया गठबंधन के फैसले की निंदा की

भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने ट्वीट किया और कहा, अहंकारी गठबंधन में शामिल INDIA दलों द्वारा पत्रकारों का बहिष्कार और धमकी देने का लिया गया निर्णय अत्यंत निंदनीय है. यह उनकी दमनकारी और तानाशाही सोच को दर्शाता है. भाजपा गठबंधन की इस घटिया मानसिकता की कड़ी निंदा करती है.

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने विपक्षी गठबंधन के इस कदम की तुलना आपातकाल से की

भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने विपक्षी गठबंधन के इस कदम की तुलना आपातकाल से की. उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, भारत में नागरिक स्वतंत्रता में कटौती का एकमात्र उदाहरण हमने 1975 में आपातकाल के दौरान देखा है. सनातन धर्म को खत्म करने के लिए खुला आह्वान, पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी और मीडिया का बहिष्कार आपातकाल के उन अंधकारमय दिनों की राजनीति को दर्शाता है. ‘आईएनडीआई एलायंस’ का असली चेहरा.

अनुराग ठाकुर ने भी विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधा

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कदम उनकी हताशा को दर्शाता है. राजस्थान के भीलवाड़ा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, हर दिन कांग्रेस और उनके सहयोगियों के नेता कहते हैं कि वे सनातन धर्म को नष्ट कर देंगे और हिंदुओं का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ते. अब उन्होंने पत्रकारों का भी बहिष्कार करना शुरू कर दिया है और मुकदमे दर्ज कर रहे हैं.

एनयूजे ने भी पत्रकारों के बहिष्कार को लोकतंत्र पर हमला करार दिया

इस बीच, ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ (एनयूजे) ने बहिष्कार को लोकतंत्र पर हमला करार दिया. एनयूजे ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों ने मीडिया का राजनीतिकरण किया है. ‘इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ से जुड़े ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ के अध्यक्ष रास बिहारी ने एक बयान में कहा कि विपक्षी दलों का यह फैसला भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मीडिया पर दमन का एक काला अध्याय है.

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