UP by-election में ही बिखर गया इंडिया गठबंधन! प्रचार में नहीं दिखी यूपी के दो लड़कों की जोड़ी
UP by-election: उत्तर प्रदेश में हो रहे उपचुनाव में ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के प्रमुख घटक दलों समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के नेताओं ने एक भी संयुक्त रैली नहीं की.
उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार सोमवार को समाप्त हो गया. खास बात यह रही कि ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के प्रमुख घटक दलों समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के नेताओं ने एक भी संयुक्त रैली नहीं की. हालांकि दोनों दलों के नेताओं ने दावा किया कि सपा-कांग्रेस गठबंधन में ‘सब ठीक है’ और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के महाराष्ट्र तथा झारखंड विधानसभा चुनाव में ‘व्यस्त’ होने के चलते उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान वे सपा नेताओं के साथ मंच साझा नहीं कर पाये. इस उपचुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.
‘इंडिया’ गठबंधन जमीन पर दिखाई नहीं दिया: RLD
हालांकि, सपा-कांग्रेस गठबंधन के पटरी पर होने के दावे के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने दावा किया कि ‘इंडिया’ गठबंधन उपचुनाव के लिए प्रचार से गायब था. ऐसा इसलिये क्योंकि सपा और कांग्रेस दोनों एक-दूसरे से मदद लेने के लिए तैयार नहीं थे. रालोद के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने सपा-कांग्रेस गठबंधन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ”समाजवादी पार्टी को छोड़कर ‘इंडिया’ गठबंधन जमीन पर दिखाई नहीं दे रहा था. कांग्रेस भी दिखाई नहीं दे रही थी, क्योंकि न तो उसने सपा को कोई मदद दी और न ही सपा उनसे कोई मदद लेने को तैयार थी.”
कांग्रेस ने उपचुनाव से बनाई दूरी
कांग्रेस ने 24 अक्टूबर को उपचुनावों से अलग रहने का फैसला किया था और 25 अक्टूबर को सभी नौ विधानसभा सीट पर समन्वय समितियों की घोषणा की थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसके ‘पीछे हटने’ के कदम के बावजूद उसके कार्यकर्ता सभी नौ सीट पर उपचुनाव लड़ रहे सपा के उम्मीदवारों का समर्थन करें.
कांग्रेस की पसंद वाली सीटों पर सपा ने उतारे उम्मीदवार
इससे पहले, कांग्रेस के 24 अक्टूबर के उपचुनाव न लड़ने के फैसले पर काफी चर्चा हुई थी. ऐसा इसलिए था क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में गठबंधन को कुल 43 सीट (सपा 37 और कांग्रेस छह सीटें) पर जबर्दस्त सफलता मिलने के बावजूद कांग्रेस का ‘उपचुनाव से पीछे हटना’ हरियाणा विधानसभा चुनाव में उसकी अप्रत्याशित हार के बाद हुआ था. हरियाणा के नतीजों के तुरंत बाद सपा ने उत्तर प्रदेश की कुछ सीट पर एकतरफा उम्मीदवार घोषित कर दिए थे. इनमें वे सीट भी शामिल थीं जिन पर कांग्रेस अपने उम्मीदवार खड़े करना चाहती थी.
पार्टी के कार्यकर्ता भ्रमित हो गए: कांग्रेस नेता
वहीं, इस पूरे मुद्दे पर कांग्रेस के पूर्व नेता नदीम अशरफ जायसी ने कांग्रेस के उपचुनाव नहीं लड़ने के फैसले पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, ”इससे कांग्रेस के कार्यकर्ता भ्रमित हो गए हैं. पहले आप उपचुनाव वाले सभी निर्वाचन क्षेत्रों में संविधान बचाओ संकल्प सम्मेलन आयोजित करते हैं, फिर अचानक चुनाव से हटने से पहले यह धारणा बनाते हैं कि दोनों गठबंधन सहयोगी बराबर की संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. यह बहुत भ्रमित करने वाला है.”