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बीजेपी की जीत से I-N-D-I-A गठबंधन में ‘किचकिच’, 6 दिसंबर की बैठक में शामिल नहीं होंगी ममता बनर्जी

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की बंपर जीत से विपक्षी गठबंध इंडिया में किचकिच बढ़ गई है. सीट बंटबारे को लेकर पहले ही इंडिया गठबंधन में रार छिड़ी थी, जो कांग्रेस की जबरदस्त हार से और बढ़ गई है. इनसबके बीच 6 दिसंबर को इंडिया गठबंधन की बैठक होने भी वाली है.

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी की छप्पर फाड़ जीत ने जहां लोकसभा चुनाव 2024 में भगवा गठबंधन की जीत के दावे को और पुख्ता कर दिया है, वहीं इस जीत से ‘इंडिया’ (I-N-D-I-A) गठबंधन से कांग्रेस की पकड़ भी ढीली हो गई है. साथ ही गठबंधन में भी किचकिच बढ़ी है. टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने चुनावी नतीजे आने के बाद कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस विपक्षी गठबंधन के सदस्यों के साथ सीट-बंटवारे की व्यवस्था की कमी के कारण चुनाव हारी है. ममता के इस हमले से गठबंधन पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं.  वहीं, यह भी सवाल खड़े हो रहे है कि क्या नीतीश मिशन 2023 के लिए विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करेंगे. इस बीच खबर है कि इंडिया गठबंधन की अहम बैठक आगामी छह दिसंबर को दिल्ली में होने वाली है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ममता बनर्जी बैठक में शामिल नहीं हो रही हैं.

क्या नीतीश कुमार करेंगे नेतृत्व!
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को मिली जीत के बाद पीएम मोदी की गारंटी न सिर्फ राहुल गांधी की गारंटी पर भारी पड़ गयी है, बल्कि इसने राजनीति में कई एजेंडे से कांग्रेस की पकड़ को भी ढीली कर दी है. ऐसे में जेडीयू की ओर से बयान आ रहा है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में गठबंधन की बागडोर नीतीश कुमार को सौंप देनी चाहिए. जेडीयू का तर्क है कि नीतीश कुमार ही एकमात्र ऐसे नेता हैं जो 2024 में पीएम मोदी का सामना कर सकते हैं. जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश महासचिव निखिल मंडल ने कांग्रेस की हार के बाद बयान दिया है कि कांग्रेस 5 राज्यों के चुनाव में व्यस्त होने के कारण ‘इंडिया’ गठबंधन पर ध्यान नहीं दे पा रही थी. अब तो कांग्रेस चुनाव भी लड़ ली, रिजल्ट भी सामने है. ऐसे में I.N.D.I.A गठबंधन को अब नीतीश कुमार के अनुसार चलना चाहिए.

गठबंधन से नीतीश को कर दिया गया था साइडलाइन
गौरतलब है कि जब विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ बनाया गया था उस समय इसकी चर्चा तेज थी कि नीतीश कुमार को इसका संयोजक बनाया जाएगा. लेकिन शुरुआती दो बैठकों में साफ हो गया कि इसके नीतीश कुमार को कोई दमदार भूमिका नहीं मिलेगी, साथ ही उन्हें पूरी तरीके से साइड लाइन भी कर दिया गया था. जेडीयू में इससे खीज तो बहुत बढ़ी, और अब जब तीन राज्यों में कांग्रेस चारों खाने चित्त हो गई तो एक बार फिर जेडीयू नीतीश कुमार को आगे कर रही है. साथ ही पार्टी यह दावा भी कर रही है कि पीएम मोदी को 2024 में सिर्फ नीतीश कुमार ही टक्कर दे सकते हैं.

‘चुनावी नतीजों के बाद करनी होगी कड़ी मेहनत’
इधर, तीन राज्यों के चुनावी परिणाम कांग्रेस के साथ साथ इंडिया गठबंधन के लिए भी निराशा भरे रहे. पीएम मोदी की गारंटी पर जिस तरह से एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के लोगों ने भरोसा जताया है उससे इंडिया गठबंधन की राह थोड़ी मुश्किल जरूर हो गई है. हालांकि, विपक्षी नेताओं का कहना है कि पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजों का असर इंडिया गठबंधन में शामिल राजनीतिक दलों पर नहीं पड़ेगा, लेकिन नेताओं का यह भी कहना है कि उन्हें अब  कड़ी मेहनत करने की जरूरत है. गठबंधन में शामिल नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इंडिया गठबंधन में शामिल विपक्षी पार्टियों को अब और अधिक मेहनत करनी होगी.

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दिल्ली में 6 दिसंबर को होगी चौथी बैठक
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी और पीएम मोदी को टक्कर देने के लिए कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, एसपी समेत 26 विपक्षी दलों ने इंडिया गठबंधन की नींव रखी. इन विपक्षी दलों के गठबंधन को ‘I-N-D-I-A’ नाम दिया. इस गठबंधन की पहली बैठक पटना में हुई थी, जबकि  जबकि दूसरी बैठक बेंगलुरु और तीसरी बैठक मुंबई में हुई थी. अब कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से चौथी बैठक दिल्ली में 6 दिसंबर को आयोजित की जा रही है. गौरतलब है कि सीट बंटवारे का सवाल गठबंधन के गई घटक जेडीयू, टीएमसी, एसपी, आप… समेत कई और घटक उठाते रहे हैं.

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