Manipur Violence : मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में गतिरोध जारी है. मामले पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि गृह मंत्रालय की ओर से मणिपुर में कानून व्यवस्था के संदर्भ में देश के गृह मंत्री दोनों सदनों में चर्चा के लिए तैयार हैं. हम अचंभित हैं कि विपक्ष मणिपुर पर चर्चा से भाग रहा है. प्रश्न ये उठता है कि विपक्ष मणिपुर से संबंधित घटनाओं पर चर्चा करने के बजाय उस चर्चा से संबंधित मंत्री द्वारा चर्चा से क्यों भाग रहा है? इस बीच खबर आ रही है कि संसद के मानसून सत्र के लिए रणनीति तैयार करने के लिए मंगलवार को I-N-D-I-A (इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस) गठबंधन दल संसद में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यालय में बैठक करेंगे. यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है.
आपको बता दें कि मणिपुर के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सरकार इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा को तैयार है. उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि वे चर्चा होने दें और सच्चाई सामने आने दें. संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही विपक्ष दलों के सदस्य मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान और फिर चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं. इसके कारण संसद के दोनों सदनों में कामकाज बाधित रहा है.
INDIA alliance parties to meet tomorrow in the office of LoP Mallikarjun Kharge in Parliament to chalk out the strategy for the Monsoon session of Parliament.
— ANI (@ANI) July 24, 2023
संसद में बोलने से भाग रहे हैं प्रधानमंत्री: संजय सिंह
इस बीच आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने संसद के मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए राज्यसभा से निलंबित किये जाने के बाद सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर हिंसा के मामले पर संसद के भीतर ‘‘बयान देने से भाग रहे’’ हैं. निलंबन के बाद सिंह संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट धरने पर बैठ गये. कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने भी उनके समर्थन में नारेबाजी की. उन्होंने ‘निलंबन वापस लो’ के नारे लगाए.
गृह मंत्री ने संसद में झूठी बात की: कांग्रेस
कांग्रेस ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह पर संसद में मणिपुर हिंसा के विषय पर ‘झूठ बोलने और देश को गुमराह करने’ का आरोप लगाया और कहा कि दोनों सदनों में जारी गतिरोध का कारण यह है कि सरकार विपक्ष की मांग स्वीकार नहीं कर रही है. मुख्य विपक्षी दल ने यह सवाल भी किया कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर के संदर्भ में संसद के भीतर बयान क्यों नहीं दे रहे हैं, उन्हें क्या झिझक है?
Also Read: ‘INDIA’ की राह में कितने रोड़े! जानें विपक्षी गठबंधन की अगली बैठक क्यों है खास
कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के अन्य घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा की मांग कर रहे हैं. इस मुद्दे पर हंगामे के कारण संसद के मानसून सत्र के पहले तीन दिन दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई.
गृह मंत्री ने झूठी बात की
शक्ति सिंह गोहिल ने मीडिया से बात की और आरोप लगाया कि आज गृह मंत्री ने झूठी बात की है कि सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है. आप इस देश के लोगों को गुमराह करने के लिए कितना नीचे गिरेंगे? उन्होंने कहा कि हम नियम 267 के तहत चर्चा की मांग कर रहे है. इस नियम के तहत जरूरत हुई तो मतदान भी हो सकता है. सरकार ने इस मांग को खारिज कर दिया. सरकार इतने गंभीर मामले पर छोटी सी चर्चा चाहती है.
Also Read: बाबूलाल मरांडी ने विपक्षी दलों के गठबंधन पर कसा तंज, कहा- INDIA गठबंधन है या पप्पू की शादी
इधर, भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि कांग्रेस (मणिपुर पर) चर्चा नहीं करना चाहती क्योंकि वह जानती है उसका सरकार के जवाब से उनका ड्रामा खत्म हो जाएगा. वे सड़क पर शोर मचाते की उनको चर्चा करनी है और लोकसभा को चलने नहीं देते. लोकसभा स्पीकर ने 12 बजे से चर्चा करने के लिए कहा लेकिन कांग्रेस उसके बाद भी चर्चा से भाग रही है.
अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो गत बुधवार, 19 जुलाई को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया. यह वीडियो चार मई का है जो बाद में वायरल हुआ. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की बहुसंख्यक मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.