I.N.D.I.A. Alliance : लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां कमर-तोड़ मेहनत कर रही है. भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन जहां एक ओर सरकार के काम को भुनाने में लगी हुई है वहीं, विपक्षी पार्टियों ने एक गठबंधन बनाया है. इस गठबंधन में कई बड़े राजनीतिक दल शामिल है लेकिन इन सबके बीच थोड़ी खटास देखने को भी मिल रही है. बीते दिन बुधवर को ममता बनर्जी ने राज्य में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. इसके बाद से गठबंधन में टूट के कई सवाल खड़े हो रहे है. वहीं, गुरुवार को सुबह से ही राजद और जदयू के बीच भी तकरार की अटकलें लग रही है. ऐसे में क्या I.N.D.I.A. गठबंधन चुनाव से पहले ही टूट जाएगा? ये सवाल खड़े होने के टेन बड़े कारण बताए जा रहे है. आइए जानते है क्या है वह तीन बड़े कारण.
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पहला कारण : ममता बनर्जी I.N.D.I.A. गठबंधन का बड़ा चेहरा है. सूत्रों की मानें तो पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को जहां एक ओर TMC केवल 2 सीट देना चाहती है वहीं, कांग्रेस पार्टी 12 सीटों की मांग कर रही है. सीट शेयरिंग, संयोजक का नाम, पीएम फेस…इन विषयों पर चर्चा नहीं होने की वजह से और इन मुद्दों में असहमति होने के कारण उनके गठबंधन से दूर होने की आशंका कई राजनेताओं ने जताई है. इस मामले पर जहां एक ओर I.N.D.I.A. गठबंधन के घटक दल के नेताओं का बयान मिला-जुला आ रहा है वहीं, कांग्रेस का कहना है कि ‘ममता बनर्जी के बिना I.N.D.I.A. अलायंस की कल्पना संभव नहीं है, वह एक स्तंभ है.’
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दूसरा कारण : बिहार की राजनीति में भी थोड़ी बहुत उथल-पुथल जारी है. खबरों के अनुसार, गुरुवार को बिहार कैबिनेट की बैठक हुई जो केवल 15 मिनट चली. फिर कैबिनेट की ब्रीफिंग भी नहीं हुई. इन सबके बीच अटकलें है कि राज्य की राजनीति में उठापटक देखने को मिल सकती है. लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने एक पोस्ट किया. तेजस्वी यादव और लालू यादव बीते दिन नीतीश कुमार से मिले, राज्यपाल से भी नीतीश कुमार के मुलाकात की खबर है. कई राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार में सरकार बदल सकती है. वहीं, कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शामिल नहीं होने की खबर भी है। ऐसे में बिहार में I.N.D.I.A. गठबंधन एक साथ चुनाव लड़ेगी या अलग-अलग ये सवाल भी खड़े होने लगे है.
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तीसरा कारण : आम आदमी पार्टी भी I.N.D.I.A. गठबंधन का मजबूत घटक दल है. पंजाब और दिल्ली में AAP की सरकार भी है. दिल्ली में चुनाव साथ में लड़ेंगे या अलग-अलग ये सवाल अभी भी बना हुआ है लेकिन, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि राज्य में हम अकेले चुनाव लड़ेंगे. मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि पंजाब में AAP 13-0. इस बयान के बाद से आम आदमी पार्टी और I.N.D.I.A. गठबंधन को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे है. अरविंद केजरीवाल का इस मामले पर कोई बयान भले ना आया हो लेकिन, पार्टी के नेता सौरव भारद्वाज ने कहा है ममता बनर्जी मामले पर कहा कि राज्य में सीट शेयरिंग को लेकर विवाद हो सकता है क्योंकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और सीपीआई अलग-अलग चुनाव लड़ती है.
इन सबके बीच भारतीय जनता पार्टी भी चुनावी तैयारियों में जुट चुकी है. सत्तारूढ़ पार्टी के सबसे बड़े नेताओं में से एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों कई राज्यों में जनसभाओं को संबोधित कर रहे है. चुनावी रैलियों में बीजेपी वर्तमान सरकार के कामों को भुनाने में लगी हुई है. अब देखना दिलचस्प होगा कि लोकसभा चुनाव में कितनी पार्टियां कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ती है और कितनी पार्टियां बीजेपी के साथ. वहीं, कई राजनीतिक दल इस बार के लोस चुनाव में अकेले भी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है.