कनाडा के साथ जारी राजनयिक विवाद में भारत को बांग्लादेश और श्रीलंका साथ मिला है. दोनों देशों के विदेश मंत्री ने भारत का साथ देते हुए कनाडाई प्रधानमंत्री जिस्टन ट्रूडो की जमकर आलोचना की है. बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने जहां भारत की तारीफ की, वहीं श्रीलंकाई विदेश मंत्री ने कनाडा को आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बता दिया है.
कनाडा आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह : अली साबरी
श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने सोमवार (स्थानीय समय) को कहा कि आतंकवादियों को उत्तरी अमेरिकी देश में सुरक्षित पनाहगाह मिल गई है. एएनआई से एक्सक्लूसिव बात करते हुए श्रीलंका के विदेश मंत्री ने आगे कहा कि कनाडाई प्रधानमंत्री जिस्टिन ट्रूडो की टिप्पणियों से आश्चर्यचकित नहीं हैं. उन्होंने आगे कहा, कुछ आतंकवादियों को कनाडा में सुरक्षित ठिकाना मिल गया है. कनाडाई प्रधानमंत्री बिना किसी सबूत के भारत पर आरोप लगा रहे हैं.
ट्रूडो ने श्रीलंका के लिए भी ऐसे ही बेबुनियाद आरोप लगाए थे : अली साबरी
अली साबरी ने कहा, यही बात जस्टिन ट्रूडो ने श्रीलंका के लिए भी की थी. यह कहना कि श्रीलंका में नरसंहार हुआ था, एक भयानक और सरासर झूठ था. हर कोई जानता है कि हमारे देश में कोई नरसंहार नहीं हुआ था. साबरी ने कनाडा और श्रीलंका के रिश्ते पर बोलते हुए कहा कि पहले ट्रूडो की ‘नरसंहार’ टिप्पणी के कारण दोनों देशों के रिश्ते प्रभावित हुए हैं. इससे वास्तव में हमारे रिश्ते पर असर पड़ा है. इस पर विदेश मंत्रालय की राय अलग है. वैश्विक मामलों के मंत्रालय ने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि श्रीलंका में नरसंहार नहीं हुआ था, जबकि एक राजनेता के रूप में पीएम ट्रूडो खड़े होकर कहते हैं कि नरसंहार हुआ था. वह स्वयं एक दूसरे का विरोधाभासी है.
दूसरे देश को यह बताने का हक नहीं है कि वह बताए की हमें देश कैसे चलाना है : अली साबरी
श्रीलंकाई विदेश मंत्री अली साबरी ने कहा, मुझे नहीं लगता कि किसी को दूसरे देशों में घुसकर यह बताना चाहिए कि हमें अपने देश पर कैसे शासन करना चाहिए. हम अपने देश को किसी और से ज्यादा प्यार करते हैं. हमें साथ मिलकर काम करने की जरूरत है. इसी तरह हम शांतिपूर्ण माहौल बना सकते हैं. हमें किसी और के द्वारा निर्देशित नहीं किया जाना चाहिए कि हमें अपने मामलों का संचालन कैसे करना चाहिए.
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क्या है मामला
दरअसल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर (45) की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ होने की आशंका जताई थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया. भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कनाडा के राजनयिक को निष्कासित कर दिया. इससे पहले कनाडा ने भारतीय राजनयिक को निकाल दिया था.