भारत और चीन के बीच इस वक्त सीमा विवाद को लेकर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. पर इन सबके बीच भारतीय नौसेना और जापान एक दुसरे के साथ मिलकर युद्धाभ्यास कर रही है. दोनों देशों की नौसेना उत्तरी अरब सागर में आयोजित तीन दिवसीय युद्धाभ्यास में शामिल हुई है. इसी क्रम में शनिवार को पहले दिन दोनों ओर से कई तरह की मिलिट्री ड्रिल्स किया गया.
बता दे कि भारत और जापान के बीच इस महीने की 9 तारीख को ऐतिहासिक समझौता हुआ था, उसके बाद दोनों देशों की नौसेना के बीच यह पहला युद्धाभ्यास है. इसके तहत दोनों ही देशों की सेना एक दूसरे से अब इंधन, मरम्मत और अन्य जरूरत के सामानों के लिए एक दूसरे की सहायता ले सकती है. भारत और ऑस्ट्रेलिया की सेना भी इस हफ्ते हिंद महासागर क्षेत्र में दो दिन की प्रैक्टिस की थी.
जापान भारत समुद्री युद्धाभ्यास का यह चौथा संस्करण है. यह ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है जब हिंद महासागर और हिंदप्रशांत महासागर में चीन का सैन्य प्रभाव बढ़ रहा है. समुद्री सुरक्षा को देखते हुए जनवरी 2012 में पहली बार इस तरह का युद्धाभ्यास किया गया था. विशाखापत्नम तट पर आखिरी बार यह प्रैक्टिस की गयी थी. नौसेना के प्रवक्ता के मुताबिक स्वदेशी स्टील्थ डिस्ट्रॉयर ‘चेन्नई’, टेग क्लास स्टील्ड फ्रिगेट ‘तरकश’ और फ्लीट टैंकर ‘दीपक’ को इस युद्धाभ्यास में शामिल किया गया था.
इससे पहले 4 सितंबर को भारत और रूस की नौसेना ने बंगाल की खाड़ी में युद्ध की प्रैक्टिस की थी. इश दौरान जमीनी और एंटी एयरक्राफ्ट डील, गोलीबारी, हेलीकॉप्टर ऑपरेशन सीमैनशिप इवोल्युश्न को शामिल किया गया था.
बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जापानी समकक्ष योशिहिदे से 25 सितंबर से फोन पर बातचीत की थी. बातचीत क दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच आपसी संबंध को मजबूत करने के अलावा मौजूदा क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एक दूसरे का साथ देने पर सहमति बनी थी. पीएमओ की ओर से जारी बयान में बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री के रूप में सुगा की नियुक्ति पर उन्हें बधाई दी, साथ ही उन्हें भारत आने का निमंत्रण भी दिया.
Posted By: Pawan Singh