DRDO की ‘Him Tapak’ से भारतीय जवानों को मिलेगी बड़ी राहत, जानिए इस हीटिंग डिवाइस के बारे में सबकुछ
Latest Indian Army News रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने सीमा पर अपनी जान की परवाह किये बगैर देश की सुरक्षा में तैनात भारतीय जवानों के हितों का ख्याल रखते हुए एक अलग तरह का डिवाइस तैयार किया है. डीआरडीओ ने जानकारी देते हुए बताया कि हिम टपक नामक इस डिवाइस के भारतीयों जवानों की जहरीली गैस से मौत में कमी आयेगी.
Latest Indian Army News रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने सीमा पर अपनी जान की परवाह किये बगैर देश की सुरक्षा में तैनात भारतीय जवानों के हितों का ख्याल रखते हुए एक अलग तरह का डिवाइस तैयार किया है. डीआरडीओ ने जानकारी देते हुए बताया कि हिम टपक नामक इस डिवाइस के भारतीयों जवानों की जहरीली गैस से मौत में कमी आयेगी.
डीआरडीओ के मुताबिक, हीटिंग डिवाइस हिम टपक बैक ब्लास्ट के दौरान निकलने वाली जहरीली गैस जैसे कार्बन डायोक्साइड से भारतीय जवानों की जान बचायेगी. बताया जा रहा है कि कार्बन डायोक्साइड की वजह से कई बार जवानों की मौत भी हो जाती है.
DRDO developed 'Him Tapak' new space heating devices for the Indian Army deployed in Eastern Ladakh,Siachen & high altitude areas. It will ensure that there are no deaths of jawans due to backblast&carbon monoxide poisoning:Director,Defence Institute of Physiology&Allied Sciences pic.twitter.com/lcNkhdHuzh
— ANI (@ANI) January 10, 2021
इस डिवाइस के इस्तेमाल से लद्दाख जैसे ठंडे इलाकों में ड्यूटी पर तैनात भारतीय जवानों की मुश्किलें कम करने में मददगार साबित होगी. बताया जा रहा है कि पूर्वी लद्दाख, सियाचिन समेत अन्य ऊंचे बर्फीले इलाकों में इस डिवाइस का इस्तेमाल किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, निर्माताओं को भारतीय सेना की तरफ से 420 करोड़ रुपये का ऑर्डर भी मिल चुका है.
डिफेन्स इंस्टिट्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एंड अलाइड साइंसेज के निदेशक डॉ. राजीव वार्ष्णेय ने जानकारी देते हुए बताया कि हमने एक स्पेस हीटिंग डिवाइस ‘बुखारी’ तैयार किया है. इसमें तीन सुधार किये गये हैं. इससे तेल की खपत लगभग आधी है. जिससे साल में 3,650 करोड़ की बचत होगी.
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