India-Australia 2+2 Dialogue: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अफगानिस्तान-चीन समेत तमाम मुद्दों पर हुई चर्चा
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गुरुवार को पहली '2+2' मंत्रिस्तरीय वार्ता की गई. इसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री शामिल हुई. इसमें तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई.
India-Australia 2+2 Dialogue: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गुरुवार को ‘2+2’ मंत्रिस्तरीय वार्ता की गई. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, भारत और ऑस्ट्रेलिया एक महत्वपूर्ण साझेदारी साझा करते हैं जो पूरी तरह से एक मुक्त, खुले, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझा दृष्टिकोण पर आधारित है. दो लोकतंत्रों के रूप में, हमारा साझा हित पूरे क्षेत्र की शांति और समृद्धि में निहित है.
As two democracies, our common interest lies in the peace and prosperity of the entire region: Defence Minister Rajnath Singh pic.twitter.com/MVzcyw23j0
— ANI (@ANI) September 11, 2021
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के साथ ‘2+2’ मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा, आज हमने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर मंत्री पायने और मंत्री डटन के साथ व्यापक चर्चा की. हमने महामारी के खिलाफ लड़ाई में रक्षा सहयोग और सहयोग के लिए विभिन्न संस्थागत ढांचे पर भी चर्चा की. इसके अलावा, अफगानिस्तान, भारत-प्रशांत में समुद्री सुरक्षा, बहुपक्षीय सहयोग और अन्य मामलों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.
वहीं, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा, लोकतांत्रिक नीतियों, बाजार अर्थव्यवस्थाओं और बहुलवादी समाजों के रूप में हमारे बीच एक प्राकृतिक संबंध है, जिसने एक बदलती दुनिया में समकालीन प्रासंगिकता ग्रहण की है. उन्होंने कहा, हमने कोविड-19 चुनौतियों के जवाब में अपने अनुभवों और आगे के सहयोग पर चर्चा की. विकेंद्रीकृत वैश्वीकरण, रणनीतिक स्वायत्तता और राष्ट्रीय सुरक्षा की एक तेज भावना कुछ प्रासंगिक परिणाम हैं.
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विदेश मंत्री ने कहा, हमने सुरक्षित और लचीला वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया. हमने उस नए जोश का स्वागत किया, जिसके साथ दोनों पक्ष अब हमारे बीच पूरकताओं को पूरी तरह से तेज करने के लिए व्यापार के मुद्दों पर संलग्न हैं. उन्होंने बताया, 4 जून 2020 को पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल लीडर्स समिट के दौरान हमारे प्रधानमंत्रियों ने हमारे संबंधों को एक व्यापक, रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की. यह ‘2+2’ प्रारूप उस शिखर सम्मेलन का प्रत्यक्ष परिणाम है और व्यापक, रणनीतिक साझेदारी के अनुसार है.
ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर डटन (Australia Defence Minister Peter Dutton) ने कहा, मैं 9/11 की सालगिरह को स्वीकार करता हूं. यह आतंकवाद के बर्बर कृत्यों की याद दिलाता है. भारत एक उभरती हुई इंडो-पैसिफिक महाशक्ति है. हम दोनों व्यापार और आर्थिक कल्याण के लिए इंडो-पैसिफिक में समुद्री लाइनों के लिए स्वतंत्र और खुले अतिरिक्त पर निर्भर हैं.
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने (Australian Foreign Minister Marise Payne) ने कहा, ऑस्ट्रेलिया और भारत स्वतंत्र, खुले और सुरक्षित इंडो-पैसिफिक की सकारात्मक दृष्टि साझा करते हैं. पिछले महीने काबुल का पतन देखा गया, अफगानिस्तान का भविष्य केंद्रीय चिंता का विषय है. उन्होंने कहा, हम यह सुनिश्चित करने में मजबूत हित साझा करते हैं कि अफगान, फिर कभी आतंकवादियों के प्रजनन, प्रशिक्षण के लिए सुरक्षित आश्रय स्थल न बने. हम नागरिकों, विदेशी नागरिकों, अन्य देशों के वीजा धारकों के लिए सुरक्षित मार्ग की तलाश पर भी बहुत ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं.
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री ने कहा, महिलाओं और लड़कियों की स्थिति के संबंध में, हमने 20 वर्षों तक अफगानिस्तान के अंतरराष्ट्रीय समुदाय और लोगों के साथ काम किया है. ताकि महिलाओं के लिए बेहतर परिस्थितियों को सुनिश्चित किया जा सके. ऑस्ट्रेलिया यह सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ खड़ा है कि वह पीछे न हटे.
ऑस्ट्रेलिया के साथ ‘2 + 2’ मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा, आज 9/11 की 20वीं बरसी है. यह बिना किसी समझौते के आतंकवाद का मुकाबला करने के महत्व की याद दिलाता है. हम इसके उपरिकेंद्र के करीब हैं, आइए हम उस अंत तक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के मूल्य की सराहना करें. उन्होंने कहा, ‘2+2’ संवाद के दौरान हमने अपने पड़ोसी क्षेत्रों के विकास पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया. अफगानिस्तान स्पष्ट रूप से चर्चा का एक प्रमुख विषय था. हम इस बात पर सहमत हुए कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2593 द्वारा निर्देशित अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अपने दृष्टिकोण में एकजुट होना चाहिए.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, क्वाड एक ऐसा मंच है जहां 4 देश अपने लाभ और दुनिया के लाभ के लिए सहयोग करने आए हैं. मुझे लगता है कि नाटो (चीन द्वारा) जैसा शब्द शीत युद्ध का शब्द है, पीछे मुड़कर देखें. क्वाड भविष्य को देखता है. यह वैश्वीकरण और एक साथ काम करने के लिए देशों की मजबूरी को दर्शाता है. यदि आप उन मुद्दों को देखें जिन पर क्वाड ने आज ध्यान केंद्रित किया है, जैसे कि टीके, आपूर्ति श्रृंखला, मुझे नाटो या किसी अन्य संगठन के साथ कोई संबंध नहीं दिख रहा है. मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि गलत तरीके से प्रस्तुत न किया जाए कि वहां की वास्तविकता क्या है. चीन पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्वाड को ‘एशियाई नाटो’ के रूप में संदर्भित किया.
Quad is a platform where 4 countries have come to cooperate for their benefit & world's benefit. I think a term like NATO (by China) is a Cold war term, looking back. Quad looks at the future. It reflects globalisation & compulsion of countries to work together: EAM S Jaishankar pic.twitter.com/iZhH1bUUzz
— ANI (@ANI) September 11, 2021
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने ने कहा, जैसा कि ऑस्ट्रेलिया और भारत ने संबंधों को फिर से सक्रिय किया है, यह छोटे समूहों जैसे क्वाड या आसियान जैसे क्षेत्रीय वास्तुकला के अन्य टुकड़ों के माध्यम से काम करने का अवसर भी है. क्वाड सदस्य आसियान की केंद्रीयता के चैंपियन हैं. हम आसियान के नेतृत्व वाली वास्तुकला में सक्रिय रूप से संलग्न हैं. हम भारत-प्रशांत पर आसियान दृष्टिकोण के व्यावहारिक कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. एक रचनात्मक जुड़ाव और एक अनौपचारिक राजनयिक उस खुले, समावेशी क्षेत्र के लिए योगदान देने के बारे में है.
Posted by : Achyut Kumar