पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान गुरुवार को पीएम मोदी और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने बातचीत की. इसमें स्वास्थ्य सेवा, कारोबार और रक्षा क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों को और मजबूत बनाने पर चर्चा की गई . अपने शुरूआती संबोधन में मोदी ने कहा कि उनका मानना है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को और सशक्त करने के लिए यह उपयुक्त समय, उपयुक्त मौक़ा है तथा अपनी दोस्ती को और मजबूत बनाने के लिए हमारे पास असीम संभावनाएं हैं. पीएम मोदी ने कहा कि कैसे हमारे संबंध अपने क्षेत्र के लिए और विश्व के लिए एक ‘स्थिरता का कारक’ बनें, कैसे हम मिल कर वैश्विक बेहतरी के लिए कार्य करें, इन सभी पहलुओं पर विचार की आवश्यकता है. मोदी ने कोरोना संकट के बाद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मॉरिसन को परिवार सहित भारत आने का न्यौता दिया. उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध बढ़ाने पर जोर दिया.
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पीएम मोदी ने कहा कि भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने सम्बन्धों को व्यापक तौर पर और तेज़ गति से बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. यह न सिर्फ हमारे दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र और विश्व के लिए भी आवश्यक है. उन्होंने कहा, वैश्विक महामारी के इस काल में हमारे समग्र सामरिक गठजोड़ की भूमिका और महत्वपूर्ण रहेगी. विश्व को इस महामारी के आर्थिक और सामाजिक दुष्प्रभावों से जल्दी निकलने के लिए एक समन्वित और एकजुट पहल की आवश्यकता है. गौरतलब है कि यह पहला मौका है जब मोदी किसी विदेशी नेता के साथ आभासी शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. दोनों देशों के संबंध 2009 में सामरिक गठजोड़ के स्तर पर पहुंचे और कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार मिला है. वर्ष 2017 में विदेश नीति पर श्वते पत्र में आस्ट्रेलिया ने भारत को हिन्द महासागर के देशों में महत्वपूर्ण नौवहन शक्ति एवं आस्ट्रेलिया के अग्रिम सहयोगी के रूप में मान्यता दी थी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते कुछ साल में भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंध काफी मजबूत हुए हैं. वर्चुअल समिट के दौरान पीएम मोदी उस वक्त हंसे जब ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि यह मुझे आश्चर्यचकित नहीं करता कि हम इन परिस्थितियों में मिलते रहेंगे. आप वही हैं जिन्होंने कई सालों पहले अपने प्रचार में होलोग्राम शुरू किया था, शायद अगले समय तक यहां आप का एक होलोग्राम हो सकता है.
I commend India on its leadership on taking Chair of WHO's executive board. This is a very important time to be chairing that board & I have no doubt that India's leadership will be critical in dealing with difficult problems globally particularly in the health area: Australia PM pic.twitter.com/lkZqi4cGYy
— ANI (@ANI) June 4, 2020
मॉरिसन ने कहा कि हम एक महासागर साझा करते हैं और हम उस महासागर के लिए, उसके स्वास्थ्य, कल्याण और सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी साझा करते हैं.हमारे समुद्री क्षेत्र में उन मुद्दों के बारे में जो संबंध हम बना रहे हैं, मुझे लगता है कि हमारे देशों के बीच कई अन्य चीजों के लिए मंच है. उन्होंने कहा कि मैं डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड के चेयरमैन का पदभार ग्रहण करने के लिए भारत के नेतृत्व की सराहना करता हूं. यह उस बोर्ड की अध्यक्षता करने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण समय है और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत का नेतृत्व विशेष रूप से स्वास्थ्य क्षेत्र में विश्व स्तर पर कठिन समस्याओं से निपटने में महत्वपूर्ण होगा.
#WATCH: Australian PM Scott Morrison says, "I wish I could be there for what has become the famous 'Modi hug' & share my samosas. Next time, it will have to be the Gujarati Khichdi. I will try that in the kitchen before next time we meet in person." pic.twitter.com/d6Ikxhd7nc
— ANI (@ANI) June 4, 2020
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड-19 से प्रभावित सभी लोगों, परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं. इस महामारी ने विश्व में हर प्रकार की व्यवस्था को प्रभावित किया है. हमारे समिट का यह डिजिटल स्वरूप भी इसका उदाहरण है. आपसे इस डिजिटल माध्यम से मिलकर खुशी है लेकिन थोड़ी निराशा है. क्योंकि हमें भारत में आपका स्वागत करने का मौका नहीं मिला. पहले जनवरी और फिर पिछले महीने आपकी प्रतीक्षा कर रहे थे. लेकिन दोनों ही बार यात्रा स्थगित करनी पड़ी. हमारी यह मुलाकात आपकी भारत यात्रा का स्थान नहीं ले सकती. एक मित्र के नाते मेरी गुजारिश है कि आप स्थिति सुधरने के साथ सपरिवार भारत आएं.
भारत और आस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक संबंध पिछले वर्षो में बढ़े हैं. 2018-19 में दोनों देशों के बीच कारोबार 21 अरब डालर था. दोनों देश कारोबार और निवेश बढ़ाने को लेकर आशान्वित हैं. भारत में आस्ट्र्रेलिया का कुल निवेश 10.74 अरब डालर था और आस्ट्रेलिया में भारत का निवेश 10.45 अरब डालर था. आस्ट्रेलिया के सुपर पेंशन फंड ने भारत में नेशनल इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रांस्टक्टर फंड में 1 अरब डालर का निवेश किया है.
पिछले कुछ वर्षो में भारत और आस्ट्रेलिया ने नौवहन सहयोग बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रीत किया है. आस्ट्रेलिया और भारत ने 2015 में पहला द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास किया था. साल 2019 में बंगाल की खाड़ी में तीसरा अभ्यास हुआ था. आस्ट्रेलिया सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के रूख का समर्थक रहा है.
Posted By: Utpal kant