कोलकाता : बांग्लादेश भारत का खास दोस्त रहा है, लेकिन व्यापार के मोर्चे पर पिछले कुछ दिनों से यहां सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. पश्चिम बंगाल के पेट्रापोल बॉर्डर से भारत और बांग्लादेश का बड़े पैमाने पर आयात-निर्यात होता है. बांग्लादेशी व्यापारियों और उनके कर्मचारियों की ओर से जारी विरोध प्रदर्शन के कारण गुरुवार से पेट्रापोल सीमा से बांग्लादेश को भारत से कोई निर्यात नहीं हुआ.
दोनों तरफ खड़े हैं सैकड़ों ट्रक: ये व्यापारी बुधवार से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. विरोध कर रहे बांग्लादेशी व्यापारियों ने कहा कि जब तक भारत बांग्लादेश से आयात की मंजूरी नहीं देता है, वे भारत से निर्यात की अनुमति नहीं देंगे. विरोध प्रदर्शन करनेवालों ने भारतीय ट्रकों के प्रवेश को बुधवार को कई घंटों तक रोके रखा. उन्होंने दावा किया किया कि जब तक भारत आयात की अनुमति नहीं देता है, सीमा बंद रहेगी. इसके चलते दोनों तरफ सैकड़ों ट्रक खड़े हैं और सामान बर्बाद हो रहा है.
सीएम से हस्तक्षेप की मांग : भारतीय निर्यातकों के महासंघ फियो के पूवी क्षेत्र के चेयरमैन सुशील पटवारी ने कहा कि गुरुवार को भारत से पेट्रापोल के जरिये कोई निर्यात नहीं हुआ. उन्होंने मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हस्तक्षेप करने की मांग की.
सालाना 35 हजार करोड़ का व्यापार: भारत सरकार ने सात जून को भारतीय व्यापारियों को बांग्लादेश निर्यात की मंजूरी दी थी. हालांकि एक महीने के करीब होने को आये हैं, बांग्लादेश से आयात की मंजूरी अभी तक नहीं दी गयी है. विरोध कर रहे बांग्लादेशी व्यापारियों का कहना है कि हम जो सामान भारत से आयात करते हैं, उसे तैयार कर वापस निर्यात भी करते हैं. लेकिन भारत द्वारा आयात बंद करने से हमारा काफी नुकसान हो रहा है. पेट्रापोल-बेनापोल के जरिए दोनों देश के बीच सालाना करीब 35 हजार करोड़ रुपये का व्यापार होता है.
बांग्लादेशी व्यापारी नाराज: पिछले दिनों केंद्र सरकार के आदेश के बाद निर्यात को अनुमति दे दी गई थी लेकिन आयात पर पश्चिम बंगाल सरकार ने अभी भी रोक लगा रखी है. इस कारण बांग्लादेशी व्यापारी नाराज हो गये हैं.
ये देश निर्यात को लेकर भारत पर निर्भर : सूत्रों की मानें तो, बंगाल ने राज्य से होते हुए नेपाल और भूटान जाने वाले ट्रकों पर भी रोक लगाने का काम किया था. अप्रैल में गृह मंत्रालय ने ममता बनर्जी सरकार से इन देशों में ट्रकों की आवाजाही को अनुमति प्रदान करने को कहा था. ऐसा इसलिए क्योंकि ये देश निर्यात को लेकर भारत पर निर्भर हैं.
Posted By : Amitabh Kumar