नयी दिल्ली : भारत तेजी से सोने की तस्करी का हब बनता जा रहा है. पांच जुलाई को केरल में सीमा शुल्क अधिकारियों ने 30 किलोग्राम सोना जब्त किया था. जिसकी कीमत करीब 15 करोड़ रुपये है. केंद्र सरकार ने इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिया है. केरल सोना तस्करी मामले में शीर्ष अधिकारियों और राजनेताओं की संलिप्तता पाई गई है. इस मामले में केरल के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव आईएएस अधिकारी एम शिवशंकर को भी पद से हटाया गया. उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है.
तस्करी मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत चार आरोपियों सरित, स्वप्ना सुरेश, संदीप नायर और फासिल फरीद पर मुकदमा दर्ज किया है.
मालूम हो 30 किलो सोना जो बरामद किया गया था उसमें यूएई वाणिज्य दूतावास का पता लिखा था. अब यूएई के अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि यूएई वाणिज्य दूतावास के नाम पर किसने यह माल भेजा जिसमें सोना था? बहरहाल आपको बताते हैं कि भारत किस तरह से सो तस्करी का बड़ा हब बनते जा रहा है.
विभिन्न एजेंसियों का अनुमान है भारत में हर साल 200-250 टन से अधिक सोने की तस्करी होती है. भारत सालाना 800-900 टन सोना आयात करता है. 2019-20 में आयात 28.2 बिलियन का था, 2018-19 में आयातित 32.91 बिलियन से 14.23% कम था. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC), जो थोक सोने के व्यापार पर नजर रखता है, ने 2020 में भारत में सोने की खपत लगभग 700-800 टन होने का अनुमान लगाया था, जबकि पिछले साल यह 690.4 टन था. 10 साल की औसत खपत 843 टन है. चीन के बाद भारत दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है.
कनाडा की एक गैर-सरकारी संस्था की रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड स्मगलिंग हब में से एक है. भारत में सबसे अधिक तस्करी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से होती है. रिपोर्ट के अनुसार 2007 में पांच टन प्रति वर्ष से बढ़कर 2012 तक 22 टन प्रति वर्ष हो गई.
रिपोर्ट के अनुसार सोना तस्करी के लोगों को ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद सोना तस्करी के लिए मोटी रकम भी दी जाती है. बिजसेन टुडे के अनुसार तस्करों को प्रत्येक यात्रा के लिए लगभग 1 लाख रुपये मिलते हैं.
सोना तस्करी से सरकार के रजस्व में भारी नुकसान हो है. रिपोर्ट के अनुसार सरकारों को कर राजस्व में कम से कम 20 मिलियन का नुकसान होता है.
कागज की मुद्रा की तुलना में सोना का आसानी से परिवहन किया जा सकता है और सशस्त्र समूहों को अपना टारगेट भी बनाया जाता है. सूत्रों के अनुसार, भारत में प्रवेश करने के बाद अवैध सोना आसानी से कानूनी बाजार में खपत हो जाता है और आभूषणों के रूप में फिर से निर्यात किया जाता है. भारत में आने वाले हर 5 किलो सोना में से लगभग 1 किलो आभूषण के रूप में निर्यात हो जाता है.
डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में सोने की तस्करी हुई. जिसमें कोयम्बटूर में 6.9 किलोग्राम, दिल्ली और बोलपुर रेलवे स्टेशनों पर 18.26 किलोग्राम, गुवाहाटी हवाई अड्डे पर 4.4 सोने की जब्ती हुई. इसी तरह देश के अन्य हिस्सों से भारी मात्रा में सोने को जब्त किया गया.
Posted By – Arbind kumar mishra