संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अध्यक्ष की जिम्मेदारी भारत के हिस्से है. भारत को मिल रही इस अहम जिम्मेदारी से पाकिस्तान और चीन परेशान है. पाकिस्तानी अखबारों में खबर चल रही है कि अब पाकिस्तान एक महीने तक कश्मीर का मुद्दा नहीं उठा पायेगा.
पाकिस्तान की परेशानी की वजह यह भी है कि इस वक्त अफगानिस्तान में तालिबान हिंसा की चर्चा तेज है. पाकिस्तान पर आरोप लगते रहे हैं कि वो तालिबान का समर्थन करता रहा है ऐसे में अगर यह मुद्दा उठा तो पाकिस्तान जानता है कि उसकी पोल खुल सकती है और भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है उसे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत की ताजपोशी पर एक बयान जारी करते हुए कहा है कि हमें उम्मीद है कि भारत अपने कार्यकाल के दौरान प्रासंगिक नियमों और मानकों का पालन करेगा और निष्पक्ष रहेगा. इस बयान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत की इस मजबूती से पाकिस्तान डरा हुआ है.
ध्यान रहे कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है. कई बार भारत ने स्थायी सदस्य के रूप में सदस्यता हासिल करने की कोशिश की है लेकिन चीन के असहयोग और विरोध की वजह से अबतक भारत को यह सफलता नहीं मिली. भारत ने रविवार से 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के तौर पर कार्यभार संभाला है. यह एक महीने तक चलेगा और अहम मुद्दों पर भारत इस पद पर बने रहते हुए फैसले लेगा. सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता हर महीने अंग्रेजी के वर्णमाला के आधार पर बदलती रहती है .
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भारत की इस उपलब्धि पर पाकिस्तानी अखबारों में तरह तरह की प्रतिक्रिया है. भारत के इस पद पर बनते ही कश्मीर को लेकर पाकिस्तान ने चुप्पी साधने का फैसला कर लिया है. पाकिस्तान इसलिए भी सदमे में है क्योंकि इस एक महीने के कार्यकाल में अफगानिस्तान पर कई तरह के फैसले हो सकते हैं.
पाकिस्तान, चीन की चाल को भारत सुरक्षा परिषद के जरिए मात दे सकता है. ऐसी चर्चा है कि भारत ने इस दौरान जो रणनीति बनायी है उसमें चीन और पाकिस्तान पर नकेल कसना शामिल है.