नयी दिल्ली : पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की भारतीय और यूके वेरिएंट को लेकर दहशत है. कई विशेषज्ञों का दावा है कि नये कोरोना वायरस के भारतीय और यूके के स्ट्रेन पर वैक्सीन कारगर नहीं है. वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट में भी दावा किया गया है कि कोरोना वायरस के भारतीय वेरिएंट पर फाइजर और अन्य आधुनिक वैक्सीन प्रभावी नहीं है. ऐसे समय में भारत में बनी भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन से उम्मीद जगी है.
Covaxin gets international recognition yet again, by scientific research data published demonstrating protection against the new variants.Yet another feather in its cap👍🏼@PMOIndia @nsitharaman @drharshvardhan @MoHFW_INDIA @ICMRDELHI @DBTIndia @doctorsoumya @BharatBiotech pic.twitter.com/AUhphvvivz
— Suchitra Ella (@SuchitraElla) May 15, 2021
भारत बायोटेक की सह-संस्थापक और संयुक्त प्रबंधन निदेशक सुचित्रा एला ने ट्वीट कर दावा किया है कि भारत और यूके में पहली बार पहचान किये गये सभी प्रमुख उभरते वेरिएंट के खिलाफ निष्क्रिय अनुमापांक प्राप्त किया है. इसमें बी 1.617 और बी.1.1.7 भी शामिल थे.
ट्वीट किये गये इन्फोग्राफिक के मुताबिक, वैक्सीन वेरिएंट डी614जी की तुलना में बी 1.617 वेरिएंट के मुकाबले न्यूट्रलाइजेशन में 1.95 की मामूली कमी देखी गयी. हालांकि, साथ ही यह भी कहा गया है कि इस कमी के बावजूद बी 1.617 के साथ ट्राइटे के स्तर को बेअसर करना सुरक्षात्मक होने की उम्मीद के स्तर से ऊपर बना हुआ है.
भारत बायोटेक ने कहा है कि यूके में पहले पाये गये बी 1.1.7 वेरिएंट और वैक्सीन स्ट्रेन डी614जी के बीच न्यूट्रालाइजेशन में कोई अंतर नहीं देखा गया. यह निष्कर्ष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और इंडिया काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के सहयोग से किये गये एक अध्ययन से है.
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन देश में उपलब्ध वर्तमान वैक्सीनों में से एक है. मालूम हो कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अब तक देश भर में कोविड-19 वैक्सीन की कुल खुराक 18 करोड़ 22 लाख 20 हजार 164 खुराकें दी जा चुकी हैं.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.