India Canada Relations: खालिस्तानी आतंकी पन्नू का बड़ा कबूलनामा, कनाडाई पीएम ट्रूडो से बताया सीधा संबंध

India Canada Relations: भारत और कनाडा के बीच जारी तनाव के बीच खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कनाडाई पीएम से सीधे संबंध की बात मान ली है.

By ArbindKumar Mishra | October 16, 2024 8:43 PM

India Canada Relations: खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने दावा किया है कि उसका कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से उसका पिछले तीन-तीन साल से सीधे संबंध रहे हैं. पन्नू ने बताया उसी ने भारत के खिलाफ कनाडा को जानकारी मुहैया कराई है. जिसके आधार पर ट्रूडो ने कार्रवाई की. पन्नू ने कनाडा के एक चैनल सीबीसी न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि उसी के कहने पर कनाडा ने कार्रवाई की.

पन्नू ने कहा- भारत से मैं नहीं डरता

खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने साक्षात्कार में कहा, भारत लगातार उसकी हत्या करने की कोशिश में है, लेकिन उसे डर नहीं लगता. उसने कहा, वो दुनिया भर में खालिस्तानी कैंपेन को जारी रखने के लिए खुद को सुरक्षित रखने की कोशिश में लगा है.

कनाडा ने भारत पर क्या लगाया है आरोप

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि पिछले साल जून में सरे में सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के अधिकारी शामिल थे. ट्रूडो ने आरोप लगाया, देश के राष्ट्रीय पुलिस बल रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) के पास स्पष्ट और पुख्ता सबूत हैं कि भारत सरकार के एजेंट ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं और अब भी शामिल हैं जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा हैं. इसमें गुप्त सूचना एकत्र करने की तकनीकें, दक्षिण एशियाई कनाडाई लोगों को निशाना बनाने वाला बलपूर्वक व्यवहार और हत्या सहित एक दर्जन से अधिक धमकी भरे और हिंसक कृत्यों में शामिल होना शामिल है. यह अस्वीकार्य है.

भारत ने कनाडा के आरोपों को किया खारिज

कनाडा के आरोपों को खारिज करते हुए भारत ने न केवल कनाडा से अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लिया, बल्कि नयी दिल्ली से उसके छह राजनयिकों को भी निष्कासित कर दिया. विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा, सितंबर 2023 में प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा कुछ आरोप लगाए जाने के बाद से कनाडा सरकार ने हमारी ओर से कई अनुरोधों के बावजूद भारत सरकार के साथ एक भी सबूत साझा नहीं किया है. यह हालिया कदम उन बातचीत के बाद उठाया गया है जिसमें फिर से बिना किसी तथ्य के दावे किए गए हैं. इससे इस बात में कोई संदेह नहीं रह जाता कि यह जांच के बहाने राजनीतिक लाभ के लिए जानबूझकर भारत को बदनाम करने की एक रणनीति है.

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