भारत-चीन तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिवसीय रूस यात्रा पर रवाना, करेंगे ये काम
India china border clash: भारत-चीन तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपनी तीन दिवसीय रूस यात्रा के लिए सोमवार को रवाना हो गए. वहां वो मॉस्को में आयोजित होने वाली विजय दिवस परेड में शिरकत करेंगे. बता दें कि रूस की राजधानी मॉस्को में आयोजित होने वाली ये परेड द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी पर सोवियत संघ की जीत की 75वीं वर्षगांठ के उपलब्ध में आयोजित कराई जा रही है.
India china border clash: भारत-चीन तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपनी तीन दिवसीय रूस यात्रा के लिए सोमवार को रवाना हो गए. वहां वो मॉस्को में आयोजित होने वाली विजय दिवस परेड में शिरकत करेंगे. बता दें कि रूस की राजधानी मॉस्को में आयोजित होने वाली ये परेड द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी पर सोवियत संघ की जीत की 75वीं वर्षगांठ के उपलब्ध में आयोजित कराई जा रही है.
ऐसा माना जा रहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस दौरान भारत-रूस रक्षा और रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर रूस के अधिकारियों से बातचीत करेंगे. बता दें कि रक्षा मंत्री की ये यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं. खास बात ये है कि इस दौरान यहां पर चीन के प्रतिनिधि, मंत्री भी शामिल होंगे, लेकिन राजनाथ सिंह उनसे मुलाकात नहीं करेंगे.
बता दें कि सिंह की इस यात्रा के दौरान रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव 23 जून को ‘रूस-भारत-चीन’ त्रिपक्षीय विदेश मंत्री वार्ता की मेजबानी करेंगे. ऐसे में देखा जा सकता है कि मॉस्को भारत और चीन के बीच बढ़े तनाव के दौरान अहम भूमिका निभा सकता है. बता दें कि पिछले कुछ सप्ताह से मॉस्को की ओर से नयी दिल्ली के साथ कई बार बातचीत की गई है.
ऐंटी मिसाइल सिस्टम S-400 की मांग
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चरम तनाव के बीच भारत अब कोई मोर्चे पर एक्टिव हो चुका है. चीन को आर्थिक से लेकर सामरिक तरीके से घेरा जा रहा है. कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत अपने पुराने दोस्त रूस से ऐंटी मिसाइल सिस्टम S-400 को जल्दी से पाने की कोशिशों में जुट गया है. भारत ने रूस के साथ 2018 में 5 अरब डॉलर से ज्यादा की कीमत वाला यह समझौता किया था.कोविड-19 महामारी के कारण इस सिस्टम की आपूर्ति में देरी हो रही है. इसे अब दिसंबर 2021 तक मिलने की बात कही जा रही है.
हो सकता है कि राजनाथ सिंह रूस के इस दौरे पर जल्द से जल्द आपूर्ति की मांग करें. गौरतलब है कि भारत-चीन के बीच भले ही सैन्य और कूटनीतिक लेवल की वार्ता जारी हो, लेकिन 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. सीमा पर युद्ध जैसे हालात हैं. रविवार को ही एलएसी पर तैनात भारतीय सशस्त्र बलों को कुछ अधिक ‘छूट’ दी गयी है.
Posted By: Utpal kant