India china border clash, india china border dispute: भारत और चीन के बीच जारी विवाद के मसले पर कांग्रेस पार्टी लगातार सरकार को घेर रही है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी सोमवार को चीन मामले के लेकर बयान जारी किया. मनमोहन सिंह के बयान को ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने इस नाजुक वक्त में एकजुट होने की सलाह दी है, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना भी साधा है.
राहुल गांधी ने लिखा- पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की महत्वपूर्ण सलाह. भारत की भलाई के लिए, मैं आशा करता हूं कि PM उनकी बात को विनम्रता से मानेंगे. बता दें कि चीन मामले को लेकर राहुल गांदी मोदी सरकार पर लगातार हमलावर हैं. रविवार को ही एक ट्वीट के रिट्वीट करते हुए सरेंडर मोदी लिखा था. कई बीजेपी नेताओ ने राहुल के उस ट्वीट को ‘शर्मनाक’ करार दिया.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी की महत्वपूर्ण सलाह। भारत की भलाई के लिए, मैं आशा करता हूँ कि PM उनकी बात को विनम्रता से मानेंगे। pic.twitter.com/0QTewzmcyD
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 22, 2020
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने बयान जारी कर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने बयानों से चीन के षड्यंत्रकारी रुख को ताकत नहीं देनी चाहिए. उन्हें अपने बयानों में संयमता बरतनी चाहिए.मनमोहन सिंह ने पत्र जारी कर कहा है कि वर्तमान में दोनों देश के बीच स्थिति ठीक नहीं है और हम आज इतिहासस के नाजुक मोड़ पर खड़े हैं. ऐसे स्थिति में प्रधानमंत्री को अपने शब्दों और घोषणाओं द्वारा देश की सुरक्षा एवं सामरिक हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए.
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पूर्व पीएम ने केंद्र सरकार के कूटनीतिक के नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति तथा मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता. इसलिए सरकार के इससे बचनाी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि पिछ्छ्लगू सहयोगियों द्वारा प्रचारित झूठ के आडंबर से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता है. 15-16 जून, 2020 को गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की.
19 जून को हुई सर्वदलीय बैठक में सोनिया गांधी ने कई सवाल उठाए और कहा था कि अब भी देश एलएसी से जुड़े कई मुद्दों पर अंधेरे में है. ‘हम आज एक दर्दनाक टकराव के बाद मिल रहे हैं. हमारे मन गहरी वेदना और आक्रोश से भरे हैं. मेरे विचार से यह बैठक सरकार को लद्दाख और अन्य जगहों पर चीनी घुसपैठ की 5 मई को खबरें मिलने के फौरन बाद बुलानी चाहिए थी.’ उन्होंने कहा, हमेशा की तरह पूरा देश एक चट्टान की तरह साथ खड़ा होता और देश की सीमाओं की अखंडता की रक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम का पूरा समर्थन करता है. खेद इस बात का है कि ऐसा नहीं हुआ. इतना समय गुजर जाने के बाद भी इस संकट के अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में हमें अंधेरे में रखा गया है.’
Posted By: Utpal kant