India China Border Update: भारत चीन सीमा विवाद के इतिहास में 40 वर्षों बाद एसा हुआ जब एलएससी पर 100 से 200 राउंड फायरिंग हुई. इस बात खुलासा एक वरीय अधिकारी ने किया है. उन्होंने बताया कि गोलीबारी की पैंगोग झील के उत्तरी तट पर हुई थी. अधिकारी ने बताया की फिंगर तीन और फिंगर चार जहां पर मिलते हैं वहां पैंगोंग के उत्तरी तट पर हावी होने के लिए यह फायरिंग हुई थी.
यह फायरिंग ठीक उससे पहले हुई थी जब 10 सितंबर को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी दोनों देशों के बीच लद्दाख सीमा पर जारी तनाव को कम करने के लिए वार्ता कर रहे थे. यह फायरिंग चेतावनी देने के लिए चुशुल सब सेक्टर में हुई थी. घटना के बाद दोनों ही देशों की सेना ने बयान जारी कर बताया था कि सात सितंबर को चुशुल सब सेक्टर के मुकपरी हाइट्स के पास गोलीबारी हुई थी.
वहीं एक अन्य अधिकारी ने बताया फिलहाल जमीन पर तनाव बना हुआ है. क्योंकि अभी भी दोनों पक्षों के कोर कंमाडर स्तर की अगले दौर की बातचीत अभी होनी बाकी है.पर यह बातचीत सिंतबर के पहले सप्ताह में हुई बातचीत से अलग होगी. उन्होंने सितंबर के पहले सप्ताह में हुए कई गोलीबारी की घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इस दौरान पैगोंग त्सो के उत्तर और दक्षिण तट पर तनाव काफी बढ़ गया था.
अधिकारी ने एक छोटी घटना का जिक्र करते हुए कहा कि हमें लगा कि यह छोटी घटना है और इसके बारे में रिपोर्ट करना उतना जरूरी नहीं है. क्योंकि मुकपीरी में कुछ राउंड फायरिंग हुई थी जिसकी जानकारी उन्हें एक दिन बाद मिली थी. उन्होंने कहा कि इस घटना के बार फिर पैगोंग के उत्तरी तट पर दोनों और से 100-200 राउंड गोलियां चली थी. यह यह फिंगर 3 और फिंगर 4 के रिज के पास था, जहां से ऊपर की चढ़ाई शुरू होती है.
बता दें कि 29-20 अगस्त की रात के बाद जब चीनी सेना पीछे चली गयी थी उसके बाद एलएसी के ऊंचाई वाले जगहों पर भारतीय सेना ने कब्जा कर लिया था. जो सामरिक लिहाज के लिए भारतीय सेना के पक्ष में था. हालांकि चीनी सैनिकों द्वारा लगातार इन क्षेत्रों से भारतीय सैनिकों को हटाने का प्रयास किया गया.
हालांकि पैंगोंग त्सो के दक्षिण तट पर चुशुल सब सेक्टर में कई पोस्ट पर भारतीय और चीनी सैनिक 300 से भी कम संख्या में है. अधिकारी ने बताया कि फिलहाल अभी स्थिति नियंत्रण में है. अब हमारे रक्षा मंत्री और उनके रक्षा मंत्री और विदेश मंत्रियों के बीच वार्ता के कारण चीजें शांत हो गई हैं. बातचीत पर जोर दिया जा रहा है.
Posted By: Pawan Singh