भारत और चीन ने सीमा पर चल रहे विवाद को खत्म करने के लिए पांच बातो पर सहमति जतायी है. मास्को में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच दो घंटे की लंबी बातचीत के बाद यह समाधान निकला है. बातचीत के बाद दों के देशों के रक्षामत्रियों ने कहा की तनाव को खत्म करने के लिए मित्रवत कदम उठाये जायेंगे. बातचीत में यह सहमति बनी की दोनों ही देश अपनी अपनी सीमा पर तनाव को कम करेंगे क्योंकि यह दोनों ही देशों के हित में नहीं है.
दोनों देशों के रक्षामंत्रियों के बीच हुई बातचीत के बाद एक संयुक्त बयान जारी कर बताया गया कि तनाव खत्म करने के लिए पांच महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बातचीत हुई है. सीमा पर चीनी सैनिकों को पीछे हटाने की भारत की चिंता सही है. पर अब तनाव के समाधान के लिए कदम उठाये जायेंगे. इस बात का ध्यान रखा जायेगा की सीमा पर समझौते का उल्लंघन नहीं हो. एलएसी पर दोनों ही ओर से सौनिकों और हथियारों को तैनाती को हटाया जायेगा.
इन पांच बिंदुओं पर बनी सहमति
1. दोनों ही देश अपने नेताओं द्वारा दिशानिर्देशों का पालन करेंगे. ताकि भारत और चीन के बीच बेहतर रिश्ते बन सकें किसी भी तरह से तनाव की स्थितियां नहीं बनें.
2. वर्तमान में सीमा पर जो हालात हैं वो दोनों ही देशों के लिए हितकर नहीं है. इसलिए सेनाओं को अपने स्तर से बातचीत करके इस मसले का हल तुंरत निकालना होगा और तनाव को खत्म करके एक उचित दूरी बनानी होगी.
3. दोनों ही देश सीमा को लेकर हुए शांति समझौते का पूरी तरीके से पालन करेंगे. ताकि सीमा पर शांति बनी रहे. ऐसी किसी भी तरह कार्रवाई से बचे जिससे की सीमा पर तनाव पैदा हो.
4. सीमा पर आगे तनाव नहीं हो और इसके लिए भारत और चीन के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत होती रहेगी. दोनों ही देशों के बीच सीमा विवाद मामले को लेकर आपसी सहमति बनानी होगी.
5.जैसे ही दोनों देशों की सीमा पर स्थिति सामान्य होती है इसके बाद से दोनों ही देशों को मित्रवत व्यवहार करके एक दूसरे का विश्वास जीतना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं हो.
मॉस्कों में सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के रक्षामंत्रियों की बीच जिस तरह से सहमति बनी है, अब उसे धरातल पर उतारने के लिए दोनों पक्षों के सैन्य कंमाडरों को बातचीत करनी होगी. पर इस सहमित को आगे पीएलए कितना मानता है यह देखने वाली बात होगी क्योंकि इससे पहले भी डोकलाम मुद्दे पर बीजिंग में विदेश मंत्रालय और पीएलए की अलग-अलग राय थी. हालांकि जिस तरीके से वांग यी ने संयुक्त बयान जारी किया है उससे कहा जा सकता है कि अपने बड़े नेताओं की सहमति पर ही उन्होंने यह बातें की हैं.
Posted By: Pawan Singh