गलवान विवाद को लेकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की हाई लेवल मीटिंग, कल रूस के लिए होंगे रवाना
india china border dispute , galwan valley: भारत और चीन के बीच गलवान विवाद को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक में तीनों सेना के प्रमुखों के अलावा सीडीएस बिपिन रावत भी मौजूद रहे. इसमें लद्दाख में जमीनी हालात की पूरी समीक्षा और एलएसी के साथ तैयारियों का जायजा लिया गया.
भारत और चीन के बीच गलवान विवाद को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक में तीनों सेना के प्रमुखों के अलावा सीडीएस बिपिन रावत भी मौजूद रहे. इसमें लद्दाख में जमीनी हालात की पूरी समीक्षा और एलएसी के साथ तैयारियों का जायजा लिया गया. बता दें कि रक्षा मंत्री सोमवार को रूस के लिए रवाना हो रहे हैं.
बता दें कि इससे पहले भी बीते 15 जून को सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प के बाद तत्काल रक्षा मंत्री के आवास पर तीनो सेना प्रमुख और सीडीएस बिपिन रावत पहुंचे थे और हालात पर चर्चा की थी. लद्दाख में भारत-चीन सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद जल, थल और वायुसेना पूरी तरह से अलर्ट पर हैं. तीनों सेनाओं को अलर्ट पर रहने का फैसला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ आर्मी डिफेंस (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों की हुई बैठक में 18 जून को लिया गया था.
CDS General Bipin Rawat & the 3 service chiefs met Defence Minister Rajnath Singh today, ahead of his visit to Russia. Situation in Ladakh was reviewed in the meeting.
The Defence Minister will depart tomorrow for Moscow, Russia to witness Victory Day Military Parade on June 24. pic.twitter.com/7jgFXtotBG
— ANI (@ANI) June 21, 2020
गौरतलब है कि 3500 किलोमीटर की चीन सीमा पर भारतीय सेना की कड़ी नजर है. तीनों सेनाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है. चीनी नौसेना को कड़ा संदेश भेजने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना भी अपनी तैनाती बढ़ा रही है. इसके साथ ही सेना ने पहले ही अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में एलएसी के साथ अपने सभी प्रमुख फ्रंट-लाइन ठिकानों पर अतिरिक्त जवानों को तैनात किया है. वायुसेना ने पहले से ही अपने सभी फॉरवर्ड लाइन बेस में एलएसी और बॉर्डर एरिया पर नजर रखने के लिए अलर्ट स्तर बढ़ा दिया है.
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लद्दाख में चरम पर तनाव
रक्षा मामलों से जुड़े विशेषज्ञ मानते हैं कि गलवान घाटी में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद स्थिति काफी तनावपूर्ण है. हालात अभी ऐसे हैं कि कभी भी चीनी और भारतीय सेना आमने-सामने आ सकती है, ऐसे में जल्द से जल्द विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाना जरूरी हो जाता है. भारत वार्ता को तैयार है, लेकिन चीन के पिछले धोखे को याद रखते हुए सेना ने तैयारियों में भी कोई कमी नहीं छोड़ी है.अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीपी मलिक ने कहा कि अगर जल्द से जल्द बातचीत से मुद्दा नहीं सुलझा तो ऐसी हिंसक झड़प बढ़ जाएंगी.
Posted By: Utpal kant