भारत और चीन के बीच तकरार एक बार फिर बढ़ सकती है. लंबी बातचीत और समझौते के तहत पीछे हटी चीनी सेना एक बार फिर लद्दाख के पूर्वी इलाके डेमचोक में टेंट लगा रही है.इन इलाको में चीनी टेंट देखे गये चीन एक बार फिर इस इलाके में अवैध कब्जे के फिराक में है. अभी चीन और भारत के बीच इस मुद्दे को लेकर कोई तारीख तय नहीं है ऐसे में चीन की यह हरकत भारत को सतर्क कर रही है.
चीन ने 12वीं कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता की पेशकश की थी, हालांकि, भारत ने चर्चा को कुछ दिनों के लिए स्थगित करने के लिए कहा क्योंकि वह 26 जुलाई को कारगिल दिवस के रूप में 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर जीत के उपलक्ष्य में मनाता है. अब संभव है कि इस दिन के बाद कभी भी बातचीत हो सके.
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चीन की इस हरकत को लेकर कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दल भी नरेंद्र मोदी की सरकार पर निशाना साधते रहे हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को डेमचोक में चीन की कार्रवाई पर कहा, भारत सरकार को चीन से कैसे निपटना है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. चीन अपनी सीमा को लेकर लगातार गलत दावे और अवैध कब्जे की रणनीति तैयार करता रहा है.
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चीन और भारत के बीच भले ही बैठक नहीं हो पा रही है लेकिन दोनों पक्ष के कमांडर हॉट लाइन के माध्यम से एक दूसरे के संपर्क में है. भारत ने लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र में चीन के टेंट की जानकारी चीनी सैनिकों को दे दी है. भारत इन इलाकों से चीन के सैनिकों की पूरी तरह वापसी चाहता है जबकि चीन सिर्फ संख्या घटाने पर राजी हो रहा है.