India China Border Dispute News : हम पूर्वी लद्दाख में स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं. यह बात वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने कही है. वायुसेना प्रमुख ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में कहा कि चीन के साथ अलग-अलग क्षेत्रों में हमारे संबंधों पर वैश्विक घटनाक्रमों के प्रभाव का नियमित तौर पर आकलन किया जा रहा है.
-वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने कहा कि हम किसी भी खतरे का जवाब देने और राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा करने के लिए हमेशा से सतर्क हैं.
-वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने कहा कि एक राष्ट्र के तौर पर हमें तात्कालिक और भविष्य के खतरों की सटीक तरीके से पहचान करने की जरूरत है, ताकि उनसे निपटने के लिए जरूरी क्षमता विकसित की जा सके.
-वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने कहा कि भारतीय वायुसेना बहुत कम समय में जरूरी जवाब दे सकती है : वायुसेना प्रमुख ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन द्वारा स्थापित वायुरक्षा प्रणाली को लेकर जारी चिंताओं पर कहा
-वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने कहा कि यूक्रेन युद्ध अलग-अलग और विषम संलिप्तता वाले ‘‘विभिन्न स्तर के लंबे संघर्ष’ को सामने ले आया है.
-वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने कहा कि भविष्य में हम पर सभी मोर्चों पर हमले हो सकते हैं, जिसमें सैन्य टकराव से लेकर सूचना से छेड़छाड़ और ब्लैकआउट तक शामिल है.
-वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने कहा कि हमारे सिद्धांत, उपकरण, प्रशिक्षण और रणनीति भविष्य की लड़ाई की जरूरतों के अनुकूल होने चाहिए.
–वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने कहा कि भविष्य के किसी भी संघर्ष से निपटने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के सभी तत्वों का एकीकरण करने की जरूरत है, ताकि ‘‘ऑल ऑफ नेशन एप्रोच” अपनाया जा सके.
-वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने कहा कि यह भारत के लिए अहम है कि वह दो अस्थिर सीमाओं को ‘‘दो आकस्मिक मोर्चों” के तौर पर देखे और उसी के अनुसार तैयारी करे.
-वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने कहा कि हम अल्पाकलिक अभियानों से जुड़ी तैयारियों की अहमियत को समझते हैं, जिसके लिए त्वरित योजना बनाने और तेजी से प्रतिक्रिया देने की जरूरत पड़ेगी.
–वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने कहा कि हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नौवहन की आजादी और नियम आधारित व्यवस्था के क्रियान्वयन में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
वायुसेना प्रमुख ने ‘थियेटराइजेशन’ योजना पर कहा कि वायुसेना संयुक्त योजना बनाने को प्रतिबद्ध है, ताकि अभियान की लड़ाकू क्षमता और प्रभाव को बढ़ाया जा सके. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि जब भी अंतिम ढांचा बनेगा, वह मौजूदा और भविष्य के खतरों का सामना करने में सक्षम होगा. हमें भरोसा है कि सशस्त्र बल राष्ट्र की महत्वकांक्षाओं पर खरे उतरेंगे और ऐसे मॉडल के साथ आएंगे, जो भविष्य के खतरों से निपटने में सक्षम होगा.