India-China Border Dispute: भारत चीन सीमा पर पिछले चार महीने से तनाव जारी है. दोनों देश के सीमा पर जारी गतिरोध को कम करने के लिए और समस्या का समाधान ढूंढने के लिए लगातार बैठक कर रहे हैं. भारत और चीन के बीच सीमा तनाव सुलझाने को लेकर सोमवार को मोल्डो में हुई छठे दौर की बातचीत भी बिना किसी ठोस नतीजे की ही खत्म हो गई. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीनी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत के साथ कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता का छठा दौर 21 सितंबर को आयोजित किया गया, जिसमें दोनों देशों ने सीमा मुद्दे पर बातचीत और चर्चा जारी रखने पर सहमति व्यक्त की.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मीटिंग के दौरान भारत ने कहा है कि चीनी सेना पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में आमने-सामने की स्थिति को खत्म करे, अपने सैनिक जमावड़े को घटाए और अप्रैल 2020 की स्थिति तक वापस लौटे. वही चीनी पक्ष इस जिद पर अड़ा है कि भारत पहले रेचिन ला, रिजंगला और फिंगर-4 समेत पेंगोंग झील के उन इलाकों को खाली करे जहां उसने ऊंचाई के नए मोर्चे बनाए हैं. जबकि चीन पेंगोंग के उत्तर में फिंगर इलाके के अपने नए बनाए मोर्चों से पीछे जाने को तैयार नहीं है. 14 कोर चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी पक्ष के साथ बैठक में शामिल थें.
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बता दें कि भारत ने चीनी कार्रवाई को विफल करने के लिए पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर कई सामरिक चोटियों पर अपना नियंत्रण किया हुआ है और क्षेत्र में फिंगर 2 और फिंगर 3 इलाके में अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है. चीन ने भारत के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है. हालांकि, भारत का कहना है कि ये चोटियां एलएसी में उसकी तरफ पड़ती हैं. भारत ने एलएसी पार करने की चीन की कोशिशों के बाद संवेदनशील क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिकों एवं हथियारों की तैनाती की है. गौरतलब है कि 15 जून की रात भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प की घटना के बाद दोनों देशों के बीच विवाद चरम पर है