क्या भारतीय सीमा में नहीं घुसा कोई चीनी सैनिक? राहुल गांधी का मोदी सरकार पर निशाना

चीनी सेना के साथ जारी गतिरोध (india china border dispute) के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी (rahul gandhi) ने मोदी सरकार (modi govt) पर निशाना साधा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2020 11:56 AM

चीनी सेना के साथ जारी गतिरोध के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने लद्दाख में चीनी सैनिकों की कथित घुसपैठ से जुड़ी खबरों की पृष्ठभूमि में बुधवार को सवाल किया कि क्या सरकार इसकी पुष्टि कर सकती है कि चीन का कोई सैनिक भारतीय सीमा में दाखिल नहीं हुआ ? उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार की खबर का हवाला देते हुए अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि क्या भारत सरकार इसकी पुष्टि कर सकती है कि चीन का कोई सैनिक भारतीय सीमा में दाखिल नहीं हुआ?

यहां आपको बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लगभग एक महीने से चले आ रहे गतिरोध के संदर्भ में कहा है कि पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिक ‘‘अच्छी खासी संख्या में” आ गए हैं और भारत ने भी स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं. भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच छह जून को बैठक निर्धारित है. इसके साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि भारत अपनी स्थिति से पीछे नहीं हटेगा.

रक्षा मंत्री ने कहा- अच्छी-खासी संख्या में चीन के लोग आ गए

खबरों के अनुसार, एलएसी पर भारत की तरफ गलवान घाटी और पैंगोंग त्सो क्षेत्र में चीनी सैनिक अच्छी-खासी संख्या में डेरा डाले हुए हैं. रक्षा मंत्री ने सीएनएन-न्यूज 18 से बातचीत के दौरान कहा कि चीनी वहां तक आ गए हैं जिसका वे अपना क्षेत्र होने का दावा करते हैं, जबकि भारत का मानना है कि यह उसका क्षेत्र है. उसको लेकर एक मतभेद हुआ है और अच्छी-खासी संख्या में चीन के लोग भी आ गए हैं. लेकिन भारत को भी अपनी तरफ से जो कुछ करना चाहिए, भारत ने किया है.

Also Read: गर्भवती मादा हाथी को खिला दिया पटाखों से भरा अनानास, मुंह में फटा, मौत, भड़के लोग
सड़क निर्माण को लेकर गतिरोध

पैगोंग त्सो के आसपास फिंगर इलाके में एक महत्वपूर्ण सड़क निर्माण के अलावा गलवान घाटी में दारबुक-शयोक-दौलत बेग ओल्डी के बीच भारत के सड़क निर्माण पर चीन के कड़े विरोध के बाद गतिरोध शुरू हुआ. चीन भी फिंगर इलाके में एक सड़क बना रहा है जो भारत को स्वीकार्य नहीं है. पीटीआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि भारतीय सेना ने चीनी सेना के आक्रामक हाव-भाव वाले क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी को मजबूत करने के लिए सैनिकों, वाहनों और तोपों सहित कुमुक भेजी हैं. पूर्वी लद्दाख में स्थिति तब बिगड़ी जब पांच मई की शाम चीन और भारत के करीब 250 सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई जो अगले दिन भी जारी रही, जिसके बाद दोनों पक्ष ‘‘अलग” हुए. बहरहाल, गतिरोध जारी रहा.

डोकलाम में 73 दिन तक गतिरोध

उत्तरी सिक्किम में नाकू ला दर्रे के पास नौ मई को भी भारत और चीन के लगभग 150 सैनिक आपस में भिड़ गए. दोनों देशों के सैनिकों के बीच 2017 में डोकलाम में 73 दिन तक गतिरोध चला था. भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर विवाद है. चीन अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है और इसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है. वहीं, भारत इसे अपना अभिन्न अंग करार देता है. दोनों पक्ष कहते रहे हैं कि सीमा विवाद के अंतिम समाधान तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम रखना जरूरी है.

Next Article

Exit mobile version