भारत और चीन के बीच जारी तनाव को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फिर से मध्यस्थता की पेशकश की है. ट्रंप ने कहा कि अगर उन्हें लगता है कि मैं कुछ मदद कर सकता हूं तो मध्यस्थता के लिए तैयार हूं. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उन्होंने चीन के साथ जारी बड़े टकराव पर पीएम मोदी से बात की थी. ट्रंप ने दावा किया कि दोनों देशों के बीच तनाव को लेकर पीएम मोदी का मूड ठीक नहीं है.
If they thought it would help if I were the mediator or arbitrator, I would do that: US President Donald Trump on being asked if he wants to mediate between India & China https://t.co/vmph9CfHKH
— ANI (@ANI) May 28, 2020
ट्रंप ने कहा कि पूरे मामले पर भारत खुश नहीं है और शायद चीन भी खुश नहीं है. ट्रंप ने ये बातें पत्रकारों से गुरुवार को ओवल में कहीं. ट्रंप ने कहा कि भारत और चीन के बीच बड़े टकराव की स्थिति बनी हुई. बीबीसी के मुताबिक, एक भारतीय पत्रकार के सवाल पर ट्रंप ने कहा, मैं आपके प्रधानमंत्री को बहुत पसंद करता हूं. वो बहुत ही सज्जन हैं. भारत-चीन तनाव पर कहा, भारत और चीन के बीच बड़े टकराव की स्थिति है. दोनों देशों के पास एक-एक अरब 40-40 करोड़ की आबादी है. दोनों की पास काफी मजबूत सेना हैं. भारत खुश नहीं है और शायद चीन भी खुश नहीं है. मैंने पीएम मोदी से बात की थी और चीन के साथ जो कुछ भी चल रहा है उसे लेकर उनका मूड ठीक नहीं है.
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ट्रंप की पेशकश पर चीन के विदेश मंत्रालय की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि दोनों देशों को इस तरह की मदद की जरूरत नहीं है. इससे पहले बुधवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट कर दोनों देशों के बीच सीमा पर जारी तनाव को लेकर मध्यस्थता की पेशकश की थी. ट्रंप ने कहा था कि वो मध्यस्थता के लिए तैयार हैं. ट्रंप से मध्यस्थता की पेशकश को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा, मैं ये कर सकता हूं. अगर उन्हें लगता है कि इससे मदद मिलेगी तो मैं ऐसा कर सकता हूं.
भारत ने ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश पर गुरुवार को कहा था कि सरहद पर जारी गतिरोध के शांतिपूर्ण समाधान के लिए चीन के साथ बातचीत जारी है. भारत ने ट्रंप की पेशकश को लेकर बहुत ही सतर्कता से जवाब दिया था. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था, हमलोग शांतिपूर्ण समाधान के लिए चीन से संपर्क में हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बुधवार को चीन ने कहा था कि भारत के साथ सीमा पर स्थिति पूरी तरह स्थिर और नियंत्रण में है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि दोनों देशों के पास बातचीत और परामर्श के जरिए मुद्दे सुलझाने का उचित तंत्र मौजूद है.
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मसले पर प्रधानमंत्री कार्यालय में चर्चा की थी. पीएम ने मंगलवार को लद्दाख मामले पर पूरी रिपोर्ट ली, इसके अलावा तीनों सेना के प्रमुखों से विकल्प सुझाने के लिए कहा गया.इस चर्चा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ(CDS) जनरल विपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी शामिल रहे. पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास पिछले कुछ दिनों से चीन की तरफ से सैन्य गतिविधियों के बढ़ने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति है. भारत और चीन से जुड़ी हर News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
भारत के अपनी सीमा के अंदर सड़क निर्माण करने पर चीन विरोध जता रहा है. चीन की हरकतों को लेकर भारत भी अलर्ट मोड में है. दोनों देशों की सेनाओं ने हाल में सीमा पर गतिविधियां बढ़ीं हैं. माना जा रहा है कि 2017 में उपजे डोकलाम विवाद जैसी स्थिति फिर से दोनों देशों के बीच उत्पन्न हुई है. इससे पहले नौ मई को नॉर्थ सिक्किम के नाथू ला सेक्टर में भारतीय और चीनी सेना में झड़प हुई थी. उस वक़्त लद्दाख में एलएसी के पास चीनी सेना के हेलिकॉप्टर देखे गए थे. फिर इसके बाद भारतीय वायु सेना ने भी सुखोई और दूसरे लड़ाकू विमानों की पट्रोलिंग शुरू कर दी थी.
Posted By : Utpal Kant