पैंगोंग त्से झील के पास चीन ने बनाया हेलीपैड, सैनिकों की संख्या भी बढ़ाई, सीमा पर बढ़ सकता है तनाव

india china tension, india china lac dispute, india china border dispute, pangong tso, ladakh, indian army, pla, chinese army : चीन एलएएसी पर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. ताजा मामला पैंगोंग झील के पास चीन सैनिकों का जमावड़ा है. चीन लद्दाख के पैंगोंग झील के उत्तरी छोर पर अपनी सेना की संख्या बढ़ानी शुरू कर दी है. चीन के इस हरकत के बाद माना जा रहा है कि बीजिंग शांति समझौता नहीं चाहता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 27, 2020 10:18 AM

नयी दिल्ली : चीन एलएएसी पर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. ताजा मामला पैंगोंग झील के पास चीन सैनिकों का जमावड़ा है. चीन लद्दाख के पैंगोंग झील के उत्तरी छोर पर अपनी सेना की संख्या बढ़ानी शुरू कर दी है. चीन के इस हरकत के बाद माना जा रहा है कि बीजिंग शांति समझौता नहीं चाहता है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने पैंगोंग झील के पास एक हैलीपेड बनाया है और वहां पर अपने सैनिकों का जमावड़ा करना शुरू कर दिया है. चीन के इस ओछी हरकत के बाद भारतीय सेना अलर्ट हो गई है. बताया जा रहा है कि यहां से चीन आगे बढ़ने की कोशिश कर सकती है.

चीन के इस फैसले के बाद शांति को लेकर उसके इरादे पर सवार उठने शुरू हो गए हैं. रक्षा मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी ने अंग्रेजी अखबार को बताया कि यह सही है कि चीनी सैनिक अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए उत्तरी पैंगोंग इलाके में निर्माण कार्य शुरू कर दिया है. पैंगोंग के फिगर चार के पास चीन हैलीपेड बना रहा है.

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एक दूसरे अधिकारी ने अखबार को बताया कि चीन पैंगोंग झील के दूसरे छोर पर निर्माण कार्य कर रहा है. यह कार्य अभी तक किए जा रहे निर्माण कार्यों के अतिरिक्त है. चीन के इस फैसले से ऐसा लग रहा है कि वो नहीं चाहता है कि अप्रैल जैसा स्थिति फिर से बहाल हो.

चीन का दावा गलत- इससे पहले, चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्त्री ने कहा कि चीन का गलवान घाटी पर दावा गलत है. उसे इस तरह के दावे करने से कोई फायदा नहीं मिलने वाला है. मिस्री ने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव न हो इसका एक मात्र उपाय ये है कि चीन एलएएसी पर नए निर्माण करना तुरंत बंद करे.

गौरतब है कि भारत चीन सीमा पर तनाव के बीच वायु और थल सेना ने लद्दाख सीमा पर संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है. दोनों सेना का यह युद्धाभ्यास चीन से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी के रूप में किया जा रहै है. इस युद्धाभ्यास में वायुसेना के अत्याधुनिक तकनीक विमान सुखोई शामिल है. इस युद्धाभ्यास के जरिए सेना को एक जगह से दूसरे जगह पर तेजी से ले जाने की प्रेक्टिस भी की जा रही है. सेना के ट्रांसपोर्ट और हवाई विमान इसमें शामिल है.

Posted By : Avinish Kumar Mishra

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