india china news : भारत चीन सीमा पर पिछले चार महीने से तनाव जारी है. दोनों देश के उच्च अधिकारी समस्या का समाधान ढूंढने के लिए लगातार बैठक कर रहे हैं. वहीं बीते दिनों ही एलएसी पर गोलीबारी हुई, जिसके बाद 1993 में चीन भारत के बीच हुए सीमा समझौते का जिक्र होने लगा है. आइए जानते हैं क्या है 1993 समझौता.
1993 में भारत चीन समझौता के तहत दोनों देश के बीच सैन्य तनाव में आग्नेय शस्त्र का उपयोग नहीं किया जाएगा. वहीं दूसरे समझौता के तहत यदि दोनों पक्षों के सैनिक एलएसी को पार करते हैं तो दूसरी ओर से आगाह किए जाने के बाद वह तुरंत अपने क्षेत्र में चले जाएंगे.
समझौते में आगे कहा गया कि अगर तनाव की स्थिति बढ़ती है तो दोनों पक्ष के सीनियर अधिकारी एलएसी पर जाकर हालात का जायजा लेंगे और बीच का रास्ता निकालेंगे.
वहीं 1993 समझौते के अनुसार के सीमा से जुड़े मसलों पर दोनों देशों की तरफ से एक जॉइंट वर्किंग ग्रुप बनाया जाएगा. जो पूरे विवाद का समाधान ढूंढेंगा. बता दें कि भारत चीन के इस समझौते पर तत्कालीन भारत के विदेश राज्य मंत्री आर एल भाटिया और तत्कालीन चीनी उप विदेश मंत्री तांग जियाशुआन ने हस्ताक्षर किया था.
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गौरतलब है कि 15 जून की रात भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प की घटना के बाद दोनों देशों के बीच विवाद चरम पर है. इधर 29 और 30 की रात चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले स्थल पर फिर घुसने की कोशिश की. हालांकि भारतीय जवानों ने उनकी इस कोशिश को मुंहतोड़ जवाब दिया और उन्हें खदेड़ दिया. खबर ये भी है कि करीब 500 चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन भारतीय सैनिकों ने उन्हें 4 किलोमीटर अंदर तक खदेड़ दिया और चीन के कब्जे वाले क्षेत्र पर अपना कब्जा जमा लिया.
Posted By : Avinish Kumar Mishra