India China Border Tension: भारत की चीन और पाकिस्तान को दो टूक, कहा-हमारी सेनाएं हर हालात से निपटने को तैयार
India China Border Tension: सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि हम अपनी सीमाओं के पार शांति और शांति चाहते हैं. पिछले कुछ समय से हम चीन द्वारा कुछ आक्रामक कार्रवाई देख रहे हैं, लेकिन हम इन से निपटने में सक्षम हैं.
India China Border Tension,LAC,LADAKH : पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच पिछले तीन महीने से तनाव बरकार है. एलएसी पर चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. चीनी सेना ने हाल की दिनों में एलएसी पर तीन बार घुसपैठ की कोशिश की. हालांकि, भारतीय जवानों ने ड्रैगन को हर बार नाकाम कर दिया. इधर दोनों देशों के बीच जारी तनाव पर भारत ने अपना पक्ष रखा है.
We want peace and tranquillity across our borders. Off late, we have been seeing some aggressive actions by China but we are capable of handling these. Our tri-services are capable of dealing with threats along our frontiers: CDS General Bipin Rawat pic.twitter.com/scQJ5vuACv
— ANI (@ANI) September 3, 2020
जनरल रावत ने कही ये बात
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि हम अपनी सीमाओं के पार शांति और शांति चाहते हैं. पिछले कुछ समय से हम चीन द्वारा कुछ आक्रामक कार्रवाई देख रहे हैं, लेकिन हम इन से निपटने में सक्षम हैं. हमारी तीनों सेनाएं मोर्चे के साथ खतरों से निपटने में सक्षम हैं. चीन के साथ जारी तनाव के बीच पाकिस्तान इसका फायदा उठा सकता है और हमारे लिए कुछ मुसीबत खड़ी कर सकता है इस पर जनरल रावत ने कहा कि पाक द्वारा ऐसे किसी भी दुस्साहस को नाकाम कर देंगे पर अगर वो ऐसा करेगा तो उन्हें ही नुकसान उठाना पड़ सकता है.
भारत का चीन को दो टूक
विदेश मंत्रालय ने गुरूवार को किये गये एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रूस की एससीओ दौरे के दौरान वे द्विपक्षीय रक्षा मुद्दों पर चर्चा करने के लिए रूसी रक्षा मंत्री से मुलाकात करेंगे और अपने चीनी समकक्ष के साथ कोई अन्य बैठक के बारे में जानकारी नहीं है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि LAC पर स्थिति चीन की एकतरफ़ा (तरीक़े से ज़मीन पर यथास्थिति बदलने की) कार्यवाई का सीधा नतीजा है और सिर्फ़ बातचीत से ही आगे का रास्ता निकलेगा. विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि आगे रास्ता सैन्य और कूटनीतिक वार्ता है. वहीं SCO विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने विदेश मंत्री एस जयशंकर 10 सितंबर को मॉस्को जाएँगे.
बता दें कि चीन कह हरकतों को देखते हुए भारतीय थल सेना ने 3,400 किमी लंबे एलएसी पर अपने सभी अग्रिम सैन्य ठिकानों को चौबीसों घंटे सतर्क रहने के लिये अलर्ट कर दिया है.चीनी सेना ने हाल की दिनों में एलएसी पर तीन बार घुसपैठ की कोशिश की है. इससे पहले, चीनी सैनिकों ने ब्लैक और हेलमेट टॉप में घुसपैठ की नाकाम कोशिश की थी. हालांकि, भारतीय सेना ने चीनी घुसपैठ का करारा जवाब दिया है. सूत्रों के मुताबिक, पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे को भारतीय सेना ने अपने कब्जे में ले लिया है.यहां की कई चोटियों पर भारतीय जवान तैनात हैं. सेना ने मुश्किल माने जाने वाले स्पांगुर गैप, स्पांगुर झील और इसके किनारे चीन द्वारा बनायी गयी सड़क को भी अपने अधिकार में ले लिया है.