दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस से जूझ रही हैं, लेकिन जहां से यह वायरस निकला यानी चीन वह अब युद्ध की तैयारियों में जुटा हुआ है. पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और गहराते दिख रहे हैं. साल 2017 में डोकलाम विवाद में भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने थीं. इस बार उस समय से ज्यादा तनाव है. अब अगर युद्ध होता है तो चीन के लिए 1962 जितना आसान नहीं होगा, भारत अब ड्रैगन को रोकने के लिए तैयार खड़ा होगा.
भारत और चीन के बीच करीब 3500 किलोमीटर लंबी एलएसी है और कई दशकों से यह तनाव का विषय बनी हुई है. सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी यह बात कई बार कह चुके हैं कि अब भारत की सेना के पास पूरी ताकत से चीन का जवाब देने की क्षमता है. बता दें कि 15 जून की रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान गाटी में हिंसक झड़प हुई. इस घटना में भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 जवान शहीद हो गए. जबकि दावा किया जा रहा है कि भारत ने भी माकूल जवाब देते हुए चीन के 40 से ज्यादा सैनिकों को मार गिराया.
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हालांकि चीन ने अब तक अपने नुकसान के बारे में दुनिया को नहीं बताया है. अमेरिकी न्यूज वेबसाइट सीएनएन ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि अगर युद्ध हुआ तो भारत का पलड़ा भारी रह सकता है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 1962 से लेकर अब तक हालात बदल गए हैं. अब भारत की ताकत पहले से ज्यादा बढ़ गई है. अब जब दोनों तरफ जब इतनी टेंशन है तो ऐसे में जान लेना जरूरी हो जाता है कि किस देश की ताकत कितनी है. भारत और चीन में कौन कितना मजबूत है जानिए
चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी में फिलहाल 22 लाख सक्रिय कर्मचारी हैं, जबकि भारत में यह संख्या 15 लाख है. ग्लोबल फायर पावर रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 की रैकिंग में भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश है जिसके पास सबसे ताकतवर सेना है. ग्लोबल फायर पावर के मुताबिक भारत के पास इस समय एक अनुमान के मुताबिक कुल 3,544,000 मिलिट्री पर्सनल हैं. इसमें से 1,444,000 सक्रिय और 2,100,000 रिजर्व पर्सनल हैं. अगर, चीन की बात करें ग्लोबल फायर पावर की लिस्ट में यह तीसरे नंबर पर है. चीन के पास इस समय कुल 2,693,000 मिलिट्री पर्सनल हैं. इसमें से 21,83,000 सक्रिय और 510,000 रिजर्व पर्सनल हैं.
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दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं. चीन 1964 में न्यूक्लियर पॉवर देश बना था. जबकि 10 साल बाद यानी 1974 में भारत भी परमाणु शक्ति संपन्न देश बन गया. इसी हफ्ते स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस की रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया है कि भारत ने पिछले साल 10 नए परमाणु हथियार जोड़े. चीन के पास जहां कुल 320 परमाणु हथियार हैं वहीं भारत के पास 150 परमाणु बम हैं.
चीन के पास हवा में मार करने वाले 270 फाइटर जेट हैं. जबकि भारत के जमीन पर मार करने वाले 68 एयरक्राफ्ट हैं. चीन के पास सिर्फ 157 फाइटर जेट हैं. जबकि उनके पास जमीन पर मार करने वाले एयरक्राफ्ट भी भारत के मुकाबले काफी कम है. चीनी आर्मी एयर फोर्स के पास सीमा पर 8 एयरबेस हैं. लेकिन ये ज्यादातर सिविलियन एयरफील्ड हैं. कहा जाता है कि चीन को यहां हमला करने में दिक्कत हो सकती है. तिब्बत और जिंगयांग के एयरबेस काफी उंचाई पर हैं. इसके अलावा खराब मौसम के चलते चीन के एयरक्राफ्ट ज्यादा गोलाबारूद और ईंधन के साथ उड़ान नहीं भर सकते. भारत के मिराज 2000 और Su-30 जेट किसी भी मौसम में उड़ान भर सकते हैं. जबकि चीन के जेट J-10 में इतनी ताकत नहीं है.
ग्लोबल फायरपावर के अनुसार, विमान शक्ति में चीन तीसरे और भारत चौथे स्थान पर है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चीन के पास भारत के मुकाबले में दो गुना लड़ाकू और इंटरसेप्टर विमान हैं. ग्लोबल फायरपावर के अनुसार, टैंकों के लिहाज से देखें तो भारत के पास 4,200 से अधिक टैंक की तुलना में चीन के पास 3,200 टैंक हैं. हालिया आंकड़ों के अनुसार, चीन के पास भारत से दस गुना ज्यादा रॉकेट प्रोजेक्टर हैं. वहीं डीआरडीओ 150 किमी की रेंज की बैलेस्टिक मिसाइल पृथ्वी -1 और 250 किमी की रेंज की पृथ्वी -2 का परीक्षण कर रहा है, वहीं चीन के पास विभिन्न बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जिनमें छोटी दूरी की मिसाइलों से लेकर अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें तक शामिल हैं.
Posted By: Utpal kant