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भारत ने दिया चीन को एक और झटका, रेलवे ने रद्द किया चीनी कंपनी का टेंडर

गलवान घाटी (Galwan valley) में चीन (China) के दुस्साहस के बाद भारतीय और चीनी सेना के बीच हुए झड़प के बाद भारत, चीन को सबक सीखाने लगातार झटके दे रहा है. भारत में चल रहे चीनी कंपनियों (Chinese Company) के कार्य का ठेका रद्द कर दिया है. इससे चीनी कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस बीच भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने चीन को एक और झटका दिया है. रेलवे इस्टर्न गुड्स क़ॉरिडोर के सिग्नल एवं दूर संचार कार्य के लिए चीनी कंपनी को दिया गया ठेका रद्द कर दिया है. रेलवे ने असके पीछे की वजह धीमी गति से काम होना बताया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2020 7:22 AM

गलवान घाटी में चीन के दुस्साहस के बाद भारतीय और चीनी सेना के बीच हुए झड़प के बाद भारत, चीन को सबक सीखाने लगातार झटके दे रहा है. भारत में चल रहे चीनी कंपनियों के कार्य का ठेका रद्द कर दिया है. इससे चीनी कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस बीच भारतीय रेलवे ने चीन को एक और झटका दिया है. इस्टर्न डेडिकेटेड फ्राइट कोरिडोर के सिग्नल एवं दूर संचार कार्य के लिए चीनी कंपनी को दिया गया ठेका रद्द कर दिया है. रेलवे ने इसके पीछे की वजह धीमी गति से काम होना बताया है.

कानपुर और मुगलसराय के बीच गलियारे के 417 किलोमीटर लंबे खंड पर यह कार्य किया जाना था. इस बारे में जानकारी देते हुए डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) के प्रबंध निदेशक अनुराग सचान ने बताया कि टेंडर का कैंसिलेशन लेटर जारी किया गया है. अब आगे कि प्रक्रिया चल रही है.

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सचान ने बताया कि बीजिंग नैशनल रेलवे रिसर्च एडं डिजाइन इंस्टिट्यूट ऑफ सिग्नल ऐंड कम्युनिकेशन ग्रुप को 14 दिन का नोटिस देने के बाद यह कैंसिलेशन पत्र जारी किया गया है. बीजिंग नैशनल रेलवे रिसर्च ग्रुप को 471 करोड़ रूपये का टेंडर वर्ष 2016 में दिया गया था. पर धीमी गति और समयसीमा से कार्य पूरा नहीं कर पाने के कारण जनवरी 2019 में ही इस चीनी कंपनी को इस प्रोजेक्ट से बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी चल रही थी.

अधिकारियों ने बताया कि प्रोज्क्ट के लिए दिये गये निर्धारित समय में चीनी कंपनी महज 20 फीसदी ही काम पूरा कर पायी थी. इसके बाद अप्रैल 2020 में डीएफसीसीआईएल ने वर्ल्ड बैंक को यह ठेका रद्द करने के अपने फैसले की जानकारी दे दी थी. क्योंकि इस प्रोजेक्ट को वर्ल्ड बैंक फाइनांस कर रहा था. डीएफसीसीआईएल के अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को कहा, ‘काम की धीमी गति के चलते हमने चीनी कंपनी को दिया गया ठेका रद्द कर दिया क्योंकि इस धीमी गति से हमारे कार्य में बहुत देरी हो गई. हालांकि अभी तक कंपनी को वर्ल्ड बैंक से एनओसी नहीं मिली है, पर हमने बैंक को बता दिया है कि हम टेंडर रद्द कर रहे हैं और अब खुद के पैसे से इस प्रोजेक्ट को पूरा करेंगे. डीएफसीसीआईएल इस परियोजना की क्रियान्वयन एजेंसी है.

Posted by : Pawan Singh

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