India-China Tension : आधे घंटे में चीन की सीमा पर पहुंच जाएगा भारतीय टैंक और तोपखाना

India-China Tension : गत सोमवार भारतीय और चीनी जवानों के बीच पूर्वी लद्दाख (ladakh border) के गलवान घाटी (galwan valley) में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी (LAC) में झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव जारी है. इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे जिसके बाद से देशभर में रोष है. भारतीय सरकार (Modi govt) और सेना (Indian Army) भी एक्शन मोड में है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2020 10:57 AM
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India-China Tension : गत सोमवार भारतीय और चीनी जवानों के बीच पूर्वी लद्दाख (ladakh border) के गलवान घाटी (galwan valley) में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी (LAC) में झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव जारी है. इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे जिसके बाद से देशभर में रोष है. भारतीय सरकार (Modi govt) और सेना (Indian Army) भी एक्शन मोड में है. सेना ने जितने भी ऑफिसर और जवान छुट्टी पर गए हैं उनकी छुट्टी कैंसल करके उन्हें तुरंत बुलाया गया है. भारतीय सेना हाई अलर्ट पर है.

चीन के साथ लगी करीब 3,500 किमी की सीमा पर भारतीय थल सेना और वायु सेना के अग्रिम मोर्चे पर स्थित ठिकानों पर चौकसी बढ़ा दी गयी है. इधर, भारतीय नौसेना भी हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी सतर्कता बढ़ा दी है. भारतीय वायु सेना ने अग्रिम मोर्चे वाले अपने सभी ठिकानों पर अलर्ट बढ़ाते हुए एलएसी पर नजर रखने को कहा है.

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भारतीय वायुसेना ने बुधवार को कहा कि वह आदेश मिलने पर महज आधे घंटे में ही चीन की सीमा पर टैंक और तोपखाने को पहुंचा देगी. दरअसल, एलएसी पर सैनिक साजो-सामान पहुंचाना सबसे दुर्गम काम होता है, इसलिए भारतीय वायुसेना इसको लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. वायुसेना के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में भारतीय थल सेना और वायुसेना मजबूत स्थिति में हैं. अब दौलतबेग ओल्डी समेत तीन एडवांस लैंडिंग ग्राउंड बनने से सैन्य क्षमता में काफी इजाफा हुआ है. लद्दाख में तैनात जवान अपने साथियों की शहादत का बदला लेना चाहते हैं.

लद्दाख की सुरक्षा का जिम्मा सेना की उत्तरी कमान की चौदह कोर के पास है. हाल ही में कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरेंद्र सिंह चीन से बातचीत की प्रक्रिया में शामिल हुए थे. उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाइके जोशी करगिल युद्ध के हीरो होने के नाते उच्च पर्वतीय इलाकों में वारफेयर के माहिर हैं. उन्हें करगिल युद्ध में वीर चक्र मिला था. इधर, सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में एलएसी के पास अग्रिम मोर्चे पर तैनात सभी ठिकानों और टुकड़ियों के लिए सेना पहले ही अतिरिक्त जवानों को भेज चुकी है.

इसी बीच आपको बता दें कि गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच बातचीत का दौर जारी है. न्यूज़ एजेंसी ANI की मानें तो, गुरुवार को मेजर जनरल लेवल की बातचीत दोबारा शुरू होगी. कल बातचीत विफल रही थी.

Posted By: Amitabh Kumar

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