India-China Face Off: करीब ढाई महीने के बाद एक बार फिर भारत और चीन (India-China) की सेनाओं ने रविवार को कोर कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता की. कॉर्प्स कमांडर स्तर की यह वार्ता आज सुबह लगभग 2:30 बजे खत्म हुई. मोल्डो में कल सुबह 11 बजे शुरू हुई थी. 15 घंटे तक चली इस बैठक में तनाव कम करने पर दोनों पक्षों में बातचीत हुई. हालांकि, उससे पहले भी दोनों देशों के बीच कई राउंड की बातचीत हो चुकी है लेकिन, गतिरोध के हल के लिए दोनों देशों के बीच कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है.
भारत और चीन के बीच कॉर्प्स कमांडर स्तर की 9वें दौर की वार्ता आज सुबह लगभग 2:30 बजे खत्म हुई। मोल्डो में कल सुबह 11 बजे शुरू होने के बाद यह बैठक 15 घंटे से ज़्यादा चली।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 25, 2021
मीटिंग में भारत ने चीन से एक बार फिर साफ तौर पर कह दिया है कि शांति बहाल करने के लिए चीन को सकारात्मक कदम उठाने होंगे. चीन को पूरी तरह से पीछे हटना ही पड़ेगा. बता दें, मीटिंग का मुख्य उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में टकराव वाली सभी जगहों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पर बातचीत के जरिये आगे बढ़ना था.
इससे पहले, छह नवंबर को हुई आठवें दौर की वार्ता में दोनों पक्षों ने टकराव वाले खास स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने पर व्यापक चर्चा की थी. इस बार की वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया. गौरतलब है कि भारत लगातार यह कहता आ रहा है कि पर्वतीय क्षेत्र में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और तनाव को कम करने की जिम्मेदारी चीन की है.
कोर कमांडर स्तर की सातवें दौर की वार्ता 12 अक्तूबर को हुई थी, जिसमें चीन ने पेगोंग झील के दक्षिणी तट के आसपास सामरिक महत्व के अत्यधिक ऊंचे स्थानों से भारतीय सैनिकों को हटाने पर जोर दिया था, लेकिन भारत ने टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया एक ही समय पर शुरू करने की बात कही थी.
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Posted by: pritish Sahay