गलवान के 30 महीने बाद चीनी सैनिकों की फिर नापाक हरकत, सीमा विवाद सुलझाने के लिए इतनी बार हुई सैन्य वार्ता
अरुणाचल प्रदेश के तवांग के पास के इलाके में एक बार फिर चीनी सैनिकों के साथ भारतीय जवानों की झड़प हो गयी. इस घटना से ढाई साल पहले भी लद्दाख के गलवान में दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हो चुकी थी. गौरतलब है कि कई राउंड की कोर कमांडर स्तर की बैठक हो जाने के बाद भी ड्रैगन अपने हरकतों से बाज नहीं आ रहा.
India China Face Off: लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के करीब 30 महीनों बाद एक बार फिर सीमा पर भारतीय और चीनी सेना आमने-सामने हो गई. अरुणाचल प्रदेश के तवांग के पास के इलाके में एक बार फिर चीनी सैनिकों के साथ भारतीय जवानों की झड़प हो गयी. हालांकि, चीनी सैनिकों के हमले का भारतीय सेना ने जोरदार जवाब दिया. लेकिन झड़प में दोनों ओर से कई सैनिकों के घायल होने की खबर है. सेना के सूत्रों ने कहा है कि एलएसी पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद दोनों पक्ष तुरंत क्षेत्र से पीछे हट गये. सूत्रों के हवाले से खबर है कि झड़प के बाद भारतीय कमांडर ने तवांग सेक्टर में शांति बहाल करने के लिए चीनी समकक्ष के साथ फ्लैग मीटिंग की.
9 दिसंबर को हुई थी झड़प: भारतीय और चीनी सेना के बीच बीते 9 दिसंबर को झड़प हुई थी. सेना के सूत्रों ने बताया कि भारतीय सैनिकों ने नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी पर चीनी पीएलए सैनिकों का डटकर सामना किया. सेना के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प में दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हुए हैं. सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि झड़प में घायल कम से कम छह सैनिकों को इलाज के लिए गुवाहाटी लाया गया है. झड़प में किसी भी सैनिक के गंभीर रूप से घायल होने की खबर नहीं है.
15 जून 2020 को गलवान घाटी में क्या हुआ था: गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून 2020 को भारतीय और चीनी सेना आमने-सामने हो गयी थी. दोनों देशों की सेनाओं के बीच खूनी झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. हालांकि चीनी सेना साजिश के तहत भारतीय सीमा पर तैनात भारतीय सेना पर हमले के इरादे से ही आयी थी. उनके पास महले के लिए लोहे के रॉड और तार से बने हथियार के होने के सबूत मिले थे.
20 जवान हो गये थे शहीद: 15 जून 2020 को गलवान घाटी में हुए खूनी झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गये थे. वहीं, चीनी सैनिकों को भी भारी नुकसान हुआ था. बड़ी संख्या में भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना को भी मौत के घाट उतार दिया था. वहीं, भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प को लेकर रूस की समाचार एजेंसी ने भी एक खुलासा किया था. रूसी एजेंसी तास (TASS) के मुताबिक गलवान की हिंसक झड़प में चीन के कम से कम 45 सैनिक मारे गये थे. हालांकि झड़प के बाद अपने सैनिकों की मौत की पुष्टि चीन ने नहीं की थी लेकिन यह माना था कि लड़ाई में सैनिकों का नुकसान तो होता ही है.
कई दौर की कोर कमांडर स्तर की हो चुकी है बैठक: भारत चीन के बीच सीमा विवाद और दोनों ओर के सैनिकों की हिंसक झड़प के बीच भारत और चीन की सेना के बीच अब तक 16 बार कोर कमांडर स्तर बैठक हो चुकी है. इसी साल जुलाई में 16वें दौर की सैन्य वार्ता में सहमति के बाद दोनों सेनाएं लद्दाख में गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से हटना शुरू कर दिया था. दोनों पक्षों ने संयुक्त बयान में कहा था कि भारतीय और चीनी सैनिकों ने 16वें दौर की सैन्य वार्ता में सहमति बनने के बाद लद्दाख के गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स से पीछे हटना शुरू कर दिया है. इसके बाद 8 सितंबर 2022 को दोनों देशों की ओर से जारी किए गए साझा बयान में यह कहा गया था कि इलाके से दोनों देशों की सेनाएं योजनाबद्ध तरीके से पीछे हटेंगी.
हर बार वादाखिलाफी करता है ड्रैगन: चीन की नीति हमेशा से विस्तारवादी रही है. इसके साथ ही ड्रैगन वादा तोड़ने में भी माहिर है. गलवान झड़प के बाद चीन और भारत ने योजनाबद्ध तरीके से विवादित जगह से पीछे हटने पर सहमति जताई थी. लेकिन चीन की विस्तारवादी मंशा से वो बार बार भारतीय इलाकों पर अपना दावा करता है. इसी कड़ी में जुलाई 2022 में विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री ने बाली में बातचीत की थी. उस बैठक में भी भारत ने पूर्वी लद्दाख का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था. जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी भारत ने पूर्वी लद्दाख में सभी लंबित मुद्दों के जल्द से जल्द समाधान पर जोर दिया था.