India China Face Off: पैंगोंग लेक से भी चीन ने कम करनी शुरू कर दी अपने सैनिकों की संख्या

नयी दिल्ली : गलवान घाटी में हिसक झड़प के बाद भारत और चीन के बीच शुरू हुआ तनाव अब थोड़ा कम होता दिख रहा है. सोमवार को भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभान और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बातचीत के बाद दोनों देशों ने तनाव कम करने के लिए अपनी-अपनी सेनाओं को थोड़ा पीछे हटाने शुरू कर दिये थे. चीन की सेना ने सोमवार को ही LAC के पास से अपने अस्थाई निर्माण हटाने शुरू कर दिए थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 7, 2020 7:03 PM
an image

नयी दिल्ली : गलवान घाटी में हिसक झड़प के बाद भारत और चीन के बीच शुरू हुआ तनाव अब थोड़ा कम होता दिख रहा है. सोमवार को भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभान और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बातचीत के बाद दोनों देशों ने तनाव कम करने के लिए अपनी-अपनी सेनाओं को थोड़ा पीछे हटाने शुरू कर दिये थे. चीन की सेना ने सोमवार को ही LAC के पास से अपने अस्थाई निर्माण हटाने शुरू कर दिए थे.

भारतीय सूत्रों ने कहा कि सेनाएं वापस लेने का काम हॉट स्प्रिंग और गोगरा इलाकों में शुरू हो चुका है और अगले कुछ दिनों के भीतर पूरा कर लिया जायेगा. कई स्तर की बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच सहमति बनी है कि दोनों सेनाएं अपनी वास्तविक पॉजीशन से 1 से 1.5 किलोमीट पीछे हटेगी. नयी दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने कहा कि क्षेत्र से सैनिकों को हटाने के पहले संकेत के तौर पर चीनी सेना गलवान घाटी में कुछ क्षेत्रों से तंबू हटाती और पीछे जाती हुई दिखी.

गलवान घाटी वही जगह है जहां 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय जवान वीरगति को प्राप्त हो गये थे. झड़प में चीनी सेना को भी नुकसान हुआ जिसने अब तक इस बारे में कोई ब्योरा साझा नहीं किया है. नयी दिल्ली में सूत्रों ने कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी गश्त बिंदु ‘प्वाइंट-14′ से अपने तंबू और ढांचे हटाती दिखी. चीनी सैनिकों के वाहन गलवान के सामान्य क्षेत्र और गोग्रा हॉट स्प्रिंग्स में वापस जाते दिखे.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान कहा, ‘अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिक पीछे हटने और तनाव कम करने के लिए प्रभावी कदम उठा रहे हैं और इस दिशा में प्रगति हुई है.’ झाओ ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष ठोस कार्रवाई के माध्यम से सहमति को क्रियान्वित करेगा तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव कम करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक तंत्रों के माध्यम से करीबी संपर्क जारी रखेगा.’

भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच 30 जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की तीसरे दौर की वार्ता हुई थी, जिसमें दोनों पक्ष गतिरोध को समाप्त करने के लिए प्राथमिकता के रूप में तेजी से और चरणबद्ध तरीके से कदम उठाने पर सहमत हुए थे. लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहले दौर की वार्ता छह जून को हुई थी जिसमें दोनों पक्षों के बीच गलवान घाटी में गतिरोध बिंदुओं से धीरे-धीरे पीछे हटने पर सहमति बनी थी. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच 22 जून को दूसरे दौर की बैठक हुई थी.

Posted By: Amlesh Nandan Sinha.

Exit mobile version