India China Face off: पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ हुए विवाद के बाद भारत अपने डिफेंस सिस्टम को लगातार मजबूत कर रहा है. उधर, चीन सीमा पर फौज जुटाने में लगा है, इधर के वैज्ञानिक धड़ाधड़ मिसाइल और ताकतवर हथियारों के परीक्षण में लगे हैं. इसी कड़ी में भारत ने गुरुवार को राजस्थान के पोखरण में तीसरी पीढ़ी की टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल ‘नाग’ का सफलतापूर्वक अंतिम परीक्षण किया. इसे सामरिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में हथियार तैनात करने का रास्ता साफ करने के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है.
यह मिसाइल दिन और रात दोनों समय दुश्मन टैंकों से भिड़ने में सक्षम है. अंतिम परीक्षण के बाद मिसाइल उत्पादन के करीब पहुंच गयी है. इससे पहले, नौ अक्तूबर को भारत ने सुखोई-30 लड़ाकू विमान से एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम-1 का सफल परीक्षण किया था. आंकड़ों के मुताबिक, डीआरडीओ की तरफ से पिछले करीब तीन महीनों के अंदर यह आठवां मिसाइल परीक्षण है. सीमा पर पाकिस्तान और चीन की हरकतों के मद्देनजर डीआरडीओ मेड इन इंडिया प्रोग्राम को बढ़ावा देते हुए तेजी के साथ सामरिक परमाणु और पारंपरिक मिसाइलों को विकसित करने में जुटा है.
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करीब तीन महीनों के अंदर आठवां मिसाइल परीक्षण
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धुव्रास्त्र : धुव्र हेलीकॉप्टर से चार किमी दूर तक दुश्मनों पर कर सकती है मार
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स्क्रैमजेट : स्पीड सुपरसोनिक से पांच गुना अधिक है. वजन व खर्च कम भी है.
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अर्जुन टैंक: एंटी टैंक मिसाइल ने तीन किमी दूर टारगेट को नष्ट कर देगा.
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ब्रह्मोस: जमीन के साथ-साथ इसे समुद्र से भी टारगेट किया जा सकता है.
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शौर्य : एक सेकेंड में 2.4 किमी की स्पीड. परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम.
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टॉरपीडो: यह मिसाइल पनडुब्बी रोधी है. यह दुश्मन को पानी में मात देगी.
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रुद्रम-1: यह आवाज से दोगुना तेज है. इसे सुखोई के साथ जोड़ा जा सकता है.
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मिसाइल नाग: यह दिन और रात दोनों समय दुश्मन टैंकों से भिड़ने में सक्षम है
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परमाणु और रासायनिक हमले में सक्षम, दुश्मन का रडार भी नहीं पकड़ पायेगा
भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने गुरुवार को आइएनएस कवरत्ती को भारतीय नौसेना के सुपुर्द कर दिया. पनडुब्बी रोधी प्रणाली से लैस यह स्वदेशी युद्धपोत एक स्टील्थ वारशिप है. यह दुश्मन के रडार की पकड़ में नहीं आ सकता है. यह पोत परमाणु, रासायनिक और जैविक युद्ध में भी कारगर है.
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आइएनएस कवरत्ती भारतीय नौसेना के सुपुर्द
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इसमें लगे सेंसर दुश्मन की सबमरीन का पता लगा सकते हैं
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46 किमी प्रतिघंटे स्पीड, छह टॉरपीडो ट्यूब व 76 एमएम की ओटीओ मेलारा गन से लैस
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जमीन से हवा में मार करने वाली बराक मिसाइल के साथ एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर
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इसमें क्लोज इन वेपन सिस्टम लगा है, जो अपनी तरफ आती हुई किसी भी मिसाइल को ध्वस्त कर सकता है
Posted by: Pritish Sahay