गलवान के बाद पैंगॉन्ग झील फिंगर-4 से पीछे हटी चीनी सेना, बोट-बुलडोजर अब नहीं आ रही नजर
india china face off: पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच वार्ता के बाद तनातनी में कमी आई है, चीन अब नरम पड़ गया है. चीनी सेना (पीएलए) ने पैंगोंग त्सो के फिंगर 4 इलाके में भी मौजूदगी में कमी की है. चीन के पीपल्स लिब्रेशन आर्मी सैनिकों ने रिज लाइन पर भी सैनिकों की संख्या घटाई है. पैंगोंग झील से कुछ नावों और बुलडोजर को हटाए जाने की भी खबर है.
india china face off: पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच वार्ता के बाद तनातनी में कमी आई है, चीन अब नरम पड़ गया है. चीनी सेना (पीएलए) ने पैंगोंग त्सो के फिंगर 4 इलाके में भी मौजूदगी में कमी की है. चीन के पीपल्स लिब्रेशन आर्मी सैनिकों ने रिज लाइन पर भी सैनिकों की संख्या घटाई है. पैंगोंग झील से कुछ नावों और बुलडोजर को हटाए जाने की भी खबर है. टीओआई के मुताबिक,एलएसी पर टोटल डिसएंगेजमेंट की शर्तें तय करने के लिए दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल की बातचीत जल्द होने वाली है.
पूर्वी लद्दाख में एलएसी के दोनों तरफ, भारी संख्या में जवान, टैंक और आर्टिलरी तैनात किए गए हैं. भारत और चीन के बाद डिसएंगेजमेंट की औपचारिक शुरुआत बीते सोमवार से हुई. जब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी फोन पर वार्ता की. हालंकि चीनी सैनिकों ने फिंगर4-8 के बीच डेरा जमाया है, जहां भारतीय सेना की मौजूदगी होती है. इस घुसपैठ से पहले चीनी कभी-कभी यहां आते रहे हैं.
बता दें कि पूर्वी लद्दाख से लगी सीमा पर तनाव पांच मई को तब बढ़ गया था जब पैंगोंग त्सो में दोनों सेनाओं के के बीच हिंसक झड़प में दोनों देशों के कई सैनिक घायल हुए थे. इसके बाद, एलएसी पर तीन और जगह दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गईं. 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें दोनों ओर के सैनिक हताहत हुए.
सैनिक घटाने पर मजबूर हुआ चीन
भारत की ओर से सैन्य और कूटनीतिक दबाव बढ़ाए जाने के बाद चीन पीछे हटने को मजबूर हुआ है. इससे पहले गलवान घाटी सहित तनाव वाले कई क्षेत्रों से चीनी सैनिक पीछे हटे हैं. दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनयिक स्तर की बातचीत चल रही है. इस बीच भारत ने साफ कर दिया है कि सीमा पर शांति के लिए एलएसी का सख्ती से पालन किया जाना जरूरी है.
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा पर पिछले कुछ सप्ताह से जारी तनाव को कम करने के प्रयासों के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि दोनों देशों के बीच सैनिकों के पीछे हटने और तनाव कम करने की प्रक्रिया को लेकर सहमति बनी है और काम काफी हद तक प्रगति पर है.
Posted By: Utpal kant