India china Face off, india china border dispute, Chinese apps : भारत ने बीते दो दिनों में चीन को पूर्वी लद्दाख में स्थिति बिगाड़ने के लिए लगातार घेरा है. इसके बाद चीन अब सीमा पर सीधे न उलझ कर अन्य तरीकों से भारत को निशाना बनाना चाहता है. भारतीय सेना के पलटवार से तिलमिलाए चीन ने अब भारत के खिलाफ साइबर हमले बढ़ा दिए हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार चीन ने भारतीय सूचना वेबसाइटों और देश की वित्तीय भुगतान प्रणाली पर डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (डीडीओएस) हमलों को बढ़ा दिया है.
डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (डीडीओएस) हमलों में अक्सर बड़े कंप्यूटरों को निशाना बनाया जाता है. वन इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों ने ये शक जताया है. रिपोर्ट के मुताबिक चीन के साइबर हमलों के निशाने पर सरकारी वेबसाइट, एटीएम सहित बैंकिंग प्रणाली सहित कई तरह के लक्ष्य हैं.
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कहा गया है कि अधिकांश साइबर हमलों का पता चीन के केंद्रीय शहर चेंग्दू से लगाया गया है. सिचुआन प्रांत की राजधानी चेंग्दू पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की यूनिट 61398, चीनी सेना के प्राथमिक गुप्त साइबर हमला अनुभाग के मुख्यालय के लिए जाना जाता है. कहा गया है कि ये हमले मंगलवार से शुरू हुए और बुधवार तक जारी रहे.
रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर सिक्योरिटी क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि ये हमले काफी हद तक असफल साबित हुए. चीन का चेंग्दू शहर बड़ी संख्या में हैकर समूहों का गढ़ माना जाता है. इनमें से कई संस्थानों को चीनी सरकारी एजेंसियों ने अपने संचालन के लिए एक तैनात किया है. भारत के खिलाफ साइबर हमले आमतौर पर पाकिस्तान, मध्य यूरोप या संयुक्त राज्य अमेरिका के ज्ञात हैकर-फॉर-हायर केंद्रों से आते हैं, लेकिन पिछले दो दिनों से चीन से सीधे आने वाले हमलों में तेजी देखी गयी है.
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भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों के मुताबिक, चीनी मोबाइल एप्स खासकर जूम, टिक टॉक, यूसी ब्राउजर, शेयरइट, जेंडर और क्लिन मास्टर से चीन भारी मात्रा में भारतीय सूचना जुटाता है.भारतीय इंटेलिजेंस के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से यह नुकसान कर सकता है. अप्रैल में ही भारत सरकार ने सरकारी कार्यों में जूम के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. कहा गया था कि जूम सेफ प्लेटफॉर्म नहीं है.भारत पहला देश नहीं है जिसने सरकार में जूम एप के इस्तेमाल पर रोक लगाई. इससे पहले ताइवान ने भी सरकारी एजेंसियों को जूम एप के इस्तेमाल से रोक दिया. जर्मनी और अमेरिका भी ऐसा ही कर चुके हैं.
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार से कहा है कि या तो चीन से जुड़े 52 मोबाइल एप्लिकेशन को ब्लॉक कर दिया जाए या लोगों को इनका इस्तेमाल ना करने की सलाह दी जाए, क्योंकि इनका इस्तेमाल करना सुरक्षित नहीं है. इनका इस्तेमाल स्पाइवेयर या अन्य नुकसान पहुंचाने वाले वेयर के रूप में हो सकता है.
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Posted By: Utpal kant